Dangri terror attack: 10 दिन, 10 लाख का इनाम और 50 गिरफ्तारियां, लेकिन...

सुरेश एस डुग्गर
जम्मू। 10 दिन हो गए हैं डांगरी नरसंहार का ‘कलंक’ लगे हुए। 7 लोगों की जान लेने वाले आतंकियों की सूचना देने वालों को 10 लाख के इनाम की घोषणा भी कोई रंग नहीं दिखा रही है। यही नहीं इस मामले में 50 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है पर अभी तक सुरक्षाबल नरसंहार में शामिल आतंकियों की थाह तक नहीं पा सके हैं।
 
नतीजा सामने है। डांगरी गांव समेत आसपास के उन गांवों में असुरक्षा की भावना और डर का माहौल है, जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं या फिर उनका इक्का-दुक्का घर है। दरअसल पुलिस व सेना आप इसके प्रति दावे कर रही है कि आतंकी सांप्रदायिक माहौल खराब करना चाहते हैं।
 
इतना जरूर था कि डांगरी नरसंहार के बाद उन वीडीसी दलों में जान फूंकने की कवायद तेज हुई है, जिन्हें केंद्र की भाजपा सरकार ने वर्ष 2018 में दरकिनार करना आरंभ किया था। अब एक बार फिर उनकी अहमियत महसूस हुई तो न सिर्फ उन्हें पुनर्जीवित किया जाने लगा है बल्कि समय की मांग के अनुसार, उन्हें अत्याधुनिक हथियार भी थमाए जाने लगे हैं।
 
यह बात अलग है कि ग्राम सुरक्षा दल कहें या ग्राम सुरक्षा समितियां, इनमें शामिल पूर्व सैनिकों को ही एसएलआर जैसी रायफलें दी जा रही हैं और आम नागरिकों को अभी भी बाबा आदम के जमाने की थ्री नॉट थ्री रायफलों से आतंकियों का मुकाबला करना होगा।
 
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह सच है कि वीडीसी ने ही फ्रंटलाइन पर रहकर जम्मू संभाग के आतंकवादग्रस्त इलाकों में आतंकवादियों को उल्टे पांव भागने पर मजबूर किया था। जबकि यह बात अलग है कि कश्मीर में बनाई गई वीडीसी के नतीजे कोई संतोषजनक नहीं रहे थे। (फाइल फोटो)
 

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