उत्तराखंड। ऊधमसिंह नगर जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है, यहां के किच्छा पुलभट्टा बॉर्डर पर यूज कोरोना जांच की रैपिड एंटिजन टेस्ट किट का पुनः इस्तेमाल किया जा रहा था। इस मामले के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में कोविड टेस्ट करने वाली इस प्राइवेट कंपनी के खिलाफ जांच बैठा दी गई है।
उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना जांच के लिए जगह-जगह स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच करवाई जा रही है। यह जांच प्राइवेट पैथोलॉजी लैब भी कर रहा था। इसी क्रम में उत्तर-प्रदेश से आने वाले यात्रियों का ऊधम सिंह जिले के पुलभट्टा बॉर्डर पर स्टार इमेजिंग पैथ लैब प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोरोना जांच के लिए रैपिड एंटिजन टेस्ट किया जा रहा था। तभी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस बात का खुलासा किया कि जांच में जो किट इस्तेमाल की जा रही है, वो पहले भी यूज हो चुकी हे।
रैपिड एंटिजन टेस्ट में जो किट प्रयोग हो रही थी, वह पहले हरिद्वार महाकुंभ में इस्तेमाल हो चुकी है, क्योंकि उसके ऊपर महाकुंभ का मार्क लगा हुआ है। महाकुंभ मार्क लगा होने के बाद ये किट संदेह के घेरे में आ गई और लैब संचालक की यह टेस्टिंग फर्जी होनी पाई गई है।
टेस्टिंग लैब के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ होने पर इसके किच्छा कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ये भी जानकारी मिली है कि लैब द्वारा जो सैंपल जांच के लिए एकत्रित किए थे, उनकी रिपोर्ट भी अपने हिसाब से बना कर दी जा रही थी, क्योंकि लैब की तरफ से जांच के लिए नई किट की जगह पुरानी इस्तेमाल किट का प्रयोग किया जा रहा था।
लैब बिना परीक्षण के ही लोगों को निगेटिव और पॉजिटिव रिपोर्ट दे रहा था। इस फर्जीवाड़े के सामने आने पर ऊधमसिंह नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच बैठा दी है और जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
इस पूरे मामले में उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि प्रदेश की सीमा पर एंटीजन जांच कर रही कंपनी द्वारा जिस तरह यूज एंटीजन किट प्रयोग की जा रही थी वो बहुत ही गंभीर मामला है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। साथ ही इनके खिलाफ ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि ऐसे ही लोग आम लोगों की जिंदगी को खतरे मे डाल रहे थे।