Death of children in Nanded: कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने मंगलवार को कहा कि कुछ दिन पहले नांदेड़ के जिस सरकारी अस्पताल की नवजात सघन देखभाल इकाई (NICU) में 60 शिशु भर्ती थे और उनमें से 31 बच्चे 48 घंटे के अंदर मर गए थे, उस अस्पताल में इन शिशुओं की देखभाल के लिए केवल 3 नर्सें थीं।
नांदेड़ जिले के भोकार से विधायक चव्हाण ने कहा कि डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के एनआईसीयू में एक बार में एक ही वॉर्मर 3 शिशुओं के लिए इस्तेमाल किया जाता था तथा वहां महज 3 नर्सें ही थीं। पूर्व मुख्यमंत्री यहां पार्टी की एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि (नांदेड़ में) सरकारी अस्पताल में (1 दिन में 24 मरीजों की मौत तथा अगले 24 घंटे में 7 और की मौत की) इस घटना के बाद जब मैं (एनआईसीयू) वार्ड में गया तब मैंने वहां एक समय पर एक वॉर्मर 3 बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाते देखा। वार्ड में महज 3 नर्सें 60 से अधिक नवजात शिशुओं की देखभाल कर रही थीं।
चव्हाण ने कहा कि उनके दिवंगत पिता के नाम पर स्थापित इस अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज हैं। यह 500 बिस्तरों का अस्पताल है लेकिन वहां 1,000 से अधिक मरीज भर्ती हैं। यह एक तथ्य है कि इस अस्पताल में दवाइयों की कमी है तथा डॉक्टरों के पद भी खाली हैं। हमने अपनी तरफ से अस्पताल को 40-50 नर्सें दी हैं। सरकार कहती है कि वह रिक्तियों को भरेगी लेकिन तब तक क्या होना चाहिए?
सितंबर और प्रारंभिक अक्टूबर में इस अस्पताल में कई मौतें हो जाने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि इस सरकारी अस्पताल में दवाइयों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा था कि हम यहां आरोप-प्रत्यारोप में उलझना नहीं चाहते हैं बल्कि काम होना चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta