मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि अगर भाजपा (BJP) की देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के बजाय सरकारें गिराने में दिलचस्पी रही तो देश में अराजकता फैल जाएगी। शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित कर रहे ठाकरे ने पहली बार सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बेटे आदित्य ठाकरे पर लग रहे आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा, 'बिहार के बेटे को न्याय के लिए शोर मचा रहे लोग महाराष्ट्र के बेटे के चरित्र हनन में लगे हैं।'
ठाकरे ने भाजपा को चुनौती दी कि उनकी 11 महीने पुरानी सरकार गिराकर दिखाएं। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा केंद्र में अपनी सरकार को बचाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना कहा, 'पहले 'कोई विकल्प' नहीं होने की बात के बजाय लोगों ने अब सोचना शुरू कर दिया है कि आपको छोड़कर कोई और करेगा।' उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था में सुधार के बजाय सरकारों को गिराने के लिए कदम उठाए गए। हम अराजकता की ओर बढ़ रहे हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना को सत्ता का लोभ नहीं है। उन्होंने कहा, 'देश में जब महामारी फैल रही है तब कोई राजनीति कैसे कर सकता है? शिवसेना के हिंदुत्व पर सवाल उठाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की छवि खराब की जा रही है।'
रविवार को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के नागपुर में दिए संबोधन का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा, 'आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदुत्व शब्द को पूजा परिपाटियों से जोड़कर तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है।' उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हिंदुत्व पर दिए गए एक बयान को लेकर उन पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा, 'उनकी तरह काली टोपी पहनने वाले लोगों के पास अगर दिमाग है तो उन्हें इस बात को समझना चाहिए।'
ठाकरे ने कहा, 'मुझे स्थानों को बंद करने में कोई खुशी नहीं मिलती। प्रतिबंध हटाने का काम सावधानी पूर्वक और धीरे-धीरे किया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक समय ‘संघ मुक्त भारत’ की वकालत की थी और 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी ‘धर्मनिरपेक्ष चेहरे’ को पेश करने की मांग की थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, 'क्या नीतीश ने हिंदुत्व का चोगा पहन लिया है या भाजपा अब धर्मनिरपेक्ष हो गई है।'
कंगना रनौत पर निशाना साधा : बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर परोक्ष निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि कुछ लोग रोजी-रोटी के लिए मुंबई आते हैं और शहर को पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) बोलकर उसे गाली देते हैं। उन्होंने कहा, 'जिन लोगों के पास अपने घरों में आजीविका का कोई साधन नहीं है वे मुंबई आते हैं और उसके साथ विश्वासघात करते हैं।
मुंबई को पीओके कहना दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विफलता है। उन्होंने कहा था कि वह पीओके को भारत में वापस लाएंगे।' ठाकरे दादर के सावरकर हॉल में आयोजित शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित कर रहे थे। इस बार कोरोना वायरस की रोकथाम के नियमों के चलते हर साल की तरह शिवाजी पार्क में यह आयोजन नहीं किया गया। (भाषा)