नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद उत्तराखंड विद्युत निगम (यूपीसीएल) समेत उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड (पिटकुल) समेत तीनों निगमों के कर्मचारियों को अब निशुल्क बिजली नहीं मिलेगी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ ने मंगलवार को देहरादून के आरटीआई क्लब उत्तराखंड की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं।
यूपीसीएल ने उच्च न्यायालय में दिए एक शपथपत्र बताया कि सभी कर्मचारियों तथा अधिकारियों के लिए निशुल्क बिजली के बजाय नई दरों का ऐलान कर दिया गया है। इसमें कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों के लिए विभिन्न श्रेणियां बनाई गईं हैं। शपथपत्र में कहा गया है कि तय बिजली से अधिक खर्च किए जाने पर बाजार दर पर भुगतान करना होगा। नई दरें एक अप्रैल 2020 से लागू होंगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले उच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी कर ले यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल समेत तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों को संयुक्त बैठक कर कर्मचारियों को निशुल्क बिजली के मामले में ठोस निर्णय लेने के निर्देश दिए थे।