नागौर। कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह मामले की जांच सीबीआई से कराने सहित अन्य चार मांगों को लेकर राजपूत करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों के आह्वान पर आयोजित हुंकार रैली के दौरान बुधवार हुई हिंसा और गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत होने के बाद नागौर जिला प्रशासन ने देर रात सांवराद में कर्फ्यू लगा दिया है।
राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन. आर. के. रेड्डी ने बताया कि पुलिस ने इस दौरान कोई गोली नहीं चलाई है। भीड़ में चलाई गई गोली से एक व्यक्ति की मौत हुई है। मृतक की पहचान हो गई है। उन्होंने कहा कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रैली में आए लोगों में से कुछ ने उत्तेजित होकर पुलिस पर पथराव किया। उसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितरा करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
संघर्ष में नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख, आईपीएस अधिकारी मोनिका सेन समेत 16 पुलिसकर्मी, और कुल 25 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से चार को नाजुक हालत में जयपुर भेजा गया है।
सूत्रों के अनुसार उन्मादी पुलिस अधीक्षक के अंगरक्षक की एके47 और एक अन्य पुलिसकर्मी की रिवाल्वर छीन कर फरार हो गए।
रेड्डी ने बताया कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं। स्थानीय हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने इस संबंध में दस लोगों को हिरासत में लिया है।
उक्त रैली पुलिस मुठभेड़ में 24 जून को मारे गए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाए जाने समेत चार सूत्रीय मांग को लेकर बुलाई गई थी। आनंदपाल सिंह का शव उसके पैतृक गांव सांवराद में रखा हुआ हैं परिजन मांगे पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं। (भाषा)