गुस्से में योगी के मंत्री, एक ने डाला ताला तो दूसरे बैठ गए कुर्सी डालकर...

अवनीश कुमार
मंगलवार, 11 अप्रैल 2017 (07:40 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सोमवार को दो मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के पालन में अपने-अपने विभागों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान एक मंत्री ने तो विभाग के गेट पर ताला लगा दिया तो वही दुसरी मंत्री कुर्सी डालकर अधिकारियों का इंतजार करने लगे।
 
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद सभी मंत्री अपने विभागों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। मंत्री मोहसिन रजा व सूर्य प्रताप शाही ने भी औचक निरीक्षण किया।
 
अल्पसंख्यक मोर्चा मंत्री मोहसिन रजा जब वक्फ बोर्ड कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें अधिकारी विभाग से नदारद दिखे तो मंत्रीजी को इतना गुस्सा आया कि वहीँ कार्यालय में कुर्सी में डालकर बैठ गए और अधिकारियों का इंतजार करने लगे और जैसे ही अधिकारियों की इसकी जानकारी हुई तो वह आनन फानन में पहुंचे तो मंत्री मोहसिन रजा ने जमकर फटकार लगाई।
 
दूसरी तरफ कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कृषि विभाग पहुंचे थे। लेकिन जब उनको वहां पर कोई भी अधिकारी नहीं दिखा तो मंत्री जी को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने गेट में ताला डलवा दिया और वहीं पर बैठ गए लेट लतीफ़ आने वाले विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों का इंतजार करने लगे। उन्होंने जमकर लेट आने वाले सभी कर्मचारी व अधिकारियों की क्लास लगा दी और गुस्से में कह डाला सुधर जाओ वरना निलंबित कर दूंगा।
 
क्या बोले मंत्री जी- कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकारों से कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों का समय से दफ्तर ना आना बहुत लापरवाही का मामला है। यह स्थिति चिंताजनक और बेहद असंतोषजनक है। अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कटेगा। अधिकारियों का वेतन काटे जाने के साथ-साथ उन्हें चेतावनी भी दी जाएगी। स्थिति ठीक नहीं होती है तो ऊपर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बार-बार अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। मैं कृषि विभाग में कोई काम लम्बित नहीं देखना चाहता.अधिकारियों की आदत खराब हो चुकी है।
 
मंत्री मोहसिन रजा ने पत्रकारों से कहा कि मैं सवा 11 बजे मैं जब यहां आया तो केवल एक ही कर्मचारी मौजूद था। दफ्तर के सारे एसी पंखे और लाइट चल रहे हैं। इन लोगों को जनता के पैसे का जरा भी दर्द नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके निरीक्षण के वक्त कार्यालय से नदारद रहे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा कि क्यों ना बोर्ड को भंग कर नया बोर्ड बनाया जाए। 
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