बलात्कार मामले में महिला को उम्रकैद

Webdunia
सोमवार, 30 जून 2014 (21:33 IST)
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इंदौर। घरेलू कामकाज के नाम पर 10 वर्षीय लड़की की खरीद-फरोख्त और उसके साथ यौन शोषण के मामले में अदालत ने सोमवार को मुर्गी पालन केंद्र के 48 वर्षीय मालिक और उसकी प्रेमिका को उम्रकैद की सजा सुनाई।

खास बात यह है कि इस सनसनीखेज प्रकरण में 33 वर्षीय महिला को समलैंगिक दुष्कर्म के जुर्म में अंतिम सांस तक जेल में कैद रखे जाने का दंड सुनाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश सविता सिंह ने मामले में सुनील करोसिया (48) और सरिता उर्फ पिंकी (33) को भारतीय दंड विधान की धारा 324 (खतरनाक हथियारों से जानबूझकर चोट पहुंचाना), धारा 370 (किसी व्यक्ति को दास के रूप में खरीदना), धारा 376 (दुष्कर्म) और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया।

अदालत ने करोसिया पर 13,000 रुपए और पिंकी पर 11,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही, आदेश दिया कि जुर्माने की कुल रकम में से 12,000 रुपए पीड़ित लड़की को मुआवजे के रूप में अदा किए जाएं।

अपर सत्र न्यायाधीश ने अपने 23 पेज के फैसले में टिप्पणी की, मुजरिमों ने नाबालिग लड़की को घरेलू काम के नाम पर लाकर उसके साथ जो घृणित कृत्य किया, उससे समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसा प्रकट होता है कि मुजरिमों ने सोच-समझकर और योजनाबद्ध तरीके से यह गंभीर अपराध किया है। इन दिनों महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में इजाफे के मद्देनजर (ऐसे मामलों में) न्यायालय का रुख लचीला नहीं होना चाहिए।

अतिरिक्त लोक अभियोजक (एजीपी) रवींद्र देसाई ने बताया, इंदौर के न्यायिक इतिहास में यह पहला मामला है, जब अदालत ने किसी महिला को समलैंगिक दुष्कर्म के जुर्म में दोषी करार देते हुए उसे अंतिम सांस तक जेल में कैद रखे जाने की सजा सुनाई हो। हमने इस मामले में अदालत के सामने 19 गवाह पेश किए थे।

देसाई ने बताया कि करोसिया और पिंकी ने 10 वर्षीय लड़की को इंदौर के एक फ्लैट में रखकर 30 मई 2013 से 30 जून 2013 के बीच कई बार उसका बर्बर यौन शोषण किया था।

उन्होंने बताया कि पीड़ित लड़की के माता-पिता देपालपुर क्षेत्र में करोसिया के मुर्गी पालन केंद्र में मजदूरी करते थे। करोसिया लड़की से घरेलू कामकाज कराने के नाम पर उसे इंदौर लेकर आया था। उसने लड़की को इंदौर लाते वक्त उसके माता-पिता से कहा था कि वह उन्हें हर महीने 500 रुपए देगा।

देसाई ने बताया कि करोसिया ने नाबालिग लड़की को अपनी प्रेमिका पिंकी के फ्लैट में रखा था। इस फ्लैट में करोसिया ने लड़की से कई बार बलात्कार किया था। उसकी प्रेमिका पिंकी ने भी लड़की से समलैंगिक दुष्कर्म किया और उसके नाजुक अंगों में चोट पहुंचाई थी।

उन्होंने बताया कि बच्चों के हितों के लिए काम करने वाली संस्था ‘चाइल्डलाइन’ को 29 जून 2013 की रात अपने मुखबिर से लड़की के बर्बर यौन शोषण की सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर ‘चाइल्डलाइन’ के कार्यकर्ताओं ने लड़की को पिंकी के फ्लैट से मुक्त कराया था। इसके बाद लड़की की मां ने 30 जून 2013 को एरोड्रम थाने पहुंचकर अपनी बेटी के बर्बर यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। (भाषा)

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