वे महज साढ़े तीन महीने पहले ही उप्र उर्दू अकादमी के अध्यक्ष बनाए गए थे। इस्तीफे का कारण उन्होंने अकादमी में घोर भ्रष्टाचार बताया है। इस्तीफे के पीछे कैबिनेट मंत्री आजम खां की दखलंदाजी और अकादमी मे अंदरुनी खींचतान भी उन्होंने स्वीकार की है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में मुनव्वर राना ने लिखा है कि मुझे अत्यंत दुःख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि साढ़े तीन माह के कार्यकाल में मुझे एकबार भी ऐसा आभास नही हुआ कि मैं अकादमी का अध्यक्ष हूं।
मेरे आदेशों की अवहेलना की गई, मेरे अथक प्रयास एवं रुचि के पश्चात भी अकादमी की एक भी योजना का भलीभांति संचालन नही किया गया। कार्यकारिणी समिति के निर्णयों का क्रियान्वयन नहीं किया गया।
आचार संहिता का बहाना लेकर रूटीन कार्य भी नही किए गए जो अकादमी उद्देश्यों के विपरीत हैं। अकादमी के शेष दो पदाधिकारियों चेयरमैन व सचिव द्वारा सांठगांठ कर केवल स्वयं के हित को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है। इन लोगों द्वारा भ्रष्टाचार को खुलकर हवा दी जा रही है। मेरे सामने अकादमी का अहित हो रहा है।
मेरे द्वारा उर्दू भाषा की उन्नति एवं विकास के लिए पूर्व में ठोस कदम उठाए गए थे। इस संबध में कुछ महत्वपूर्ण घोषणांए भी की गईं थीं। कार्यकारिणी से प्रस्ताव भी पारित कराए गए थे। इसके अतिरिक्त मुलायम सिंह से भेंट कर पूर्ण औचित्य के साथ उर्दू अकादमी का बजट 4.70 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किए जाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
मैंने कभी स्वयं के लिए गाड़ी, बंगला, वेतन आदि की लिखित या मौखिक मांग नही की। मैं उर्दू के एक सिपाही एक खादिम की हैसियत से काम करना चाहता था, किंतु मेरे प्रयास मेरी भावनाओं, मेरी आशाओं का उक्त पदाधिकारियों द्वारा अनादर किया गया। मुझे कमतर व नीचा दिखाने का प्रयास किया गया। मुझे सहयोग प्रदान नहीं किया गया।
उक्त स्थिति में मुझे इस पद पर कार्य करने में अत्यधिक असुविधा, कठिनाई व घुटन महसूस हो रही है। इस पद की गरिमा को बनाए रखे जाने हेतु मेरा इस पद से त्यागपत्र देना अतिआवश्यक हो गया है। अतः मैं उत्तरप्रदेश उर्दू अकादमी के पद से अपना त्यागपत्र देता हूं। कृपया इसे स्वीकार करने का कष्ट करें।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इसी साल पांच फरवरी को उर्दू अकादमी का गठन किया था। इसमें मुनव्वर राना को अध्यक्ष व नवाज देवबंदी को चेयरमैन नियुक्त किया गया था। राना ने अकादमी के कामकाज को रफ्तार देने का प्रयास किया, हालांकि इसमे वे सफल न हो सके, क्योंकि राज्य के प्रभावशाली मंत्री आजम खां के अप्रत्यक्ष दखल से अध्यक्ष व चेयरमैन में खींचतान शुरू हुई।
बताया गया कि चेयरमैन ने अध्यक्ष के फैसलों में फेरबदल करना शुरू कर दिया, जिससे तल्खियां और बढ़ गईं। चेयरमैन को मंत्री आजम खां का वरदहस्त हासिल है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस्तीफा भेजने के बाद बातचीत में मुनव्वर राना ने कहा कि अकादमी में चारों और भ्रष्टाचार है।
अगले पन्ने पर, करना चाहते थे शायरों की मदद, लेकिन