मुलायम ने किया कल्याण से किनारा

यूपी में हमें कोई खत्म नही कर सकता-यादव

Webdunia
शनिवार, 14 नवंबर 2009 (21:29 IST)
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उत्तरप्रदेश में हाल ही में एक लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की दुर्दशा से मुलायम आहत जरूर हैं किन्तु उनका दावा है कि राज्य में वे खत्म नहीं हो सकते। यादव ने पूर्व मुखयमंत्री कल्याणसिंह से किनारा करते हुए स्पष्ट किया कि कल्याण सपा के न कभी सदस्य थे और न ही वे उन्हें पार्टी में लेंगे।

सपा नेता ने बढ़ती महँगाई के खिलाफ 16 नवंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का जन्म ही आंदोलन से हुआ है, अब वे पहले जनता को और फिर लोकसभा को गर्म करेंगे।

सपा मुखयालय में यादव ने कहा कि उपचुनाव परिणामों से यदि कोई यह आकलन करे कि मुलायम उत्तरप्रदेश में खत्म हो गए हैं या फिर उनका कोई राज्य में भविष्य नहीं रहा तो ऐसा सोचना गलत है। उन्होंने कहा कि 1980 में भी मेरे बारे में ऐसा कहा गया था कि हम बर्वाद हो गए, वर्ष 1991 में कहा गया कि मुलायम खत्म हो गए और उनका कोई भविष्य नहीं किन्तु दो साल बाद ही राज्य में समाजवादी की सरकार बन गई।

यादव ने कहा कि जब इंदिरा जैसी नेता नेता समाजवादी आंदोलन को समाप्त नहीं कर सकीं तो अब किसी पार्टी इतना दम नहीं कि वे उन्हें या उनकी पार्टी को या समाप्त कर दे।

सपा मुखिया ने बार-बार स्पष्ट किया कि कल्याणसिंह समाजवादी पार्टी में न कभी सदस्य थे और न रही वे कल्याणसिंह को कभी सपा का सदस्य बनाएँगे। मुलायम ने कहा कि उनकी लड़ाई वैचारिक है। सपा नेता ने कहा कि उन्होंने भाजपा को देश की सरकार बनाने एवं सत्ता में आने से रोकने के लिए ही यूपीए सरकार को समर्थन दिया था। जिसकी बदौलत आत केन्द्र में यूपीए सरकार बनी है, किन्तु आज यूपीए की सरकार घमंड में चूर है।

मुलायम ने कहा कि देश की यूपीए सरकार एवं राज्य की बसपा सरकार की नीतियों के कारण देश में महँगाई बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि वे 6 माह में महँगाई का खत्म कर देंगे किन्तु आज आलू 24 रुपए अरहर की दाल 90 रुपए, चीनी 40 रुपए किलो बाजार में बिक रही है। गन्ना किसानों को गन्ने का मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

मुलायमसिंह ने कहा कि मीडिया और अन्य लोग बार-बार कल्याणसिंह के बारे में उनसे सवाल पूछते हैं किन्तु वे कभी कांग्रेस से संजय निरुपम के बारे में सवाल क्यों नही करते, जिनके कृत्य से हम शर्मसार हैं। उन्होंने कहा कि संजय निरुपम भी हिन्दी को दुश्मन मानते थे।

उन्होंने महाराष्ट्र में सपा विधायक अबू आजमी द्वारा विधानसभा में हिन्दी में शपथ लेने पर उनकी पीठ ठोंकते हुए कहा कि सपा मुखयालय में 17 नवंबर को अबू आजमी का पार्टी सार्वजनिक अभिनंदन करेगी, क्योंकि महाराष्ट्र में अबू आजमी नहीं हम सब पिटे हैं। - अरविन्द शुक्ला

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