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Relationship : दिल से ज्यादा दिमाग से निभाएं जाते हैं रिश्ते

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, शनिवार, 28 अगस्त 2021 (11:31 IST)
वर्तमान युग में अब रिश्ते दिल की बजाय दिमाग से निभाए जा रहे हैं। जब से रिश्तों को दिमाग से निभाया जाने लगा है तब से रिश्तों का महत्व भी धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। संयुक्त परिवार तो टूट ही गए अब परिवार भी टूट रहे हैं और सब कुछ बिखर रहा है। इस परिवर्तन के दो कारण है पहला आर्थिक स्वतंत्रता और दूसरा पाश्चात्यकरण। 
 
1. रुपया हो गया अहम : वर्तमान युग में रुपया-पैसा सबसे अहम हो चला है। अब रिश्ते उन्हीं से बनते हैं जिनके पास रुपया पैसा है। अब गरीब रिश्तेदार या मिडिल क्लास के रिश्तेदारों की अहमियत कम हो चली है। रिश्तों के बीच धन-संपत्ति को न आने दें। रिश्तों को पैसों से न तौलें। कठिन समय में आपके रिश्तेदार ही आपके साथ खड़े होते हैं।
 
2. रिश्ता जुड़ा है अर्थ से : आजकल लड़कियां या उनके मां-बाप भी सरकारी नौकरी को प्राथमिकता देते हैं। दूसरा यदि अच्छा बिजनेसमैन है तो और भी बेहतर। तीसरा यदि वह विदेश में सेटल है तो और भी बेहतर। लड़के वाले भी यह देखने लगे हैं कि लड़की की नौकरी कैसी है, कितना कमाती है। ऐसे कई पति-पत्नी हैं जिन्होंने अपने करियर को ज्यादा महत्व देते हुए तलाक ले लिया है। रिश्ता करते वक्त यहां भी दिमाग का इस्तेमाल होता है तभी तो तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोई यह देखने का प्रयास नहीं करता है कि लड़का कितना समझदार और निर्वसनी है। लड़की कितनी विनम्र और व्यवहार कुशल है। संस्कारों का अब कोई महत्व नहीं रह गया है। ऊंचे सपने न देखें, जमीन पर ही रहें और प्रेक्टिकल रूप से बातों को समझें। जीवन में रुपया और रुतबा सबकुछ नहीं होता। जहां आपकी लड़की सुखी रहे या जिसके साथ आपका लड़का सुखी रहे वह घर चुनें। 
 
3. पति-पत्नी का रिश्‍ता : पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही पवित्र रिश्ता होता है, लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों का कोई रिश्ता नहीं होता है। दूसरी बात बात यह कि यदि पति पत्नी एक दूसरे की सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं करते हैं तो यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चलता है।
 
4. फायदे नुकसान के बारे में न सोचें : रिश्तों को व्यापारी की नजरों से नहीं देखा जा सकता है। बहुत से रिश्तेदार ऐसे होते हैं जो कि आपकी रुपया-पैसा से मदद न भी करें तो और किसी तरह से मदद कर सकते हैं। यह सिद्ध समझें कि आप यदि आगे बढ़कर किसी की मदद करेंगे तो सभी आपकी मदद भी करेंगे।
 
5. महान बनने का प्रयास न करें : किसी भी रिश्तेदार को अपने व्यवहार से, रुपयों से या रुतबे से नीचा दिखाने का प्रयास न करते हुए सभी की रिस्पेक्ट करें। चाहे कोई छोटा हो या बड़ा सभी को एक जैसा ही सम्मान दें। सम्मान पाने के लिए सम्मान देना भी पडता है। अपना ज्ञान न छाड़े बल्कि जानकारी शेयर करें और दूसरों की भी सुनें।
 
6. ईमानदार बनें : रिश्तों में एक-दूसरे के प्रति ईमानदार बनें रहने की जरूरत होती है तभी विश्‍वास कायम होता है। कई लोग होते हैं जो पीठ पीछे कुछ और सामने कुछ होते हैं। ऐसे लोगों की परिवार, रिश्तेदारी या समाज भी प्रतिष्ठा नहीं रहती है। कोई ऐसे व्यक्ति पर विश्वास भी नहीं करता है।
 
7. दिल से निभाएं रिश्ता : रिश्ता चाहे कैसा भी हो बस रिश्ते की प्रति इज्जत होनी चाहिए फिर आपको ये सोचने की जरुरत नहीं पड़ेगी की रिश्ते कैसे निभाए जाएं। रिश्तों को एक बार दिल से निभाने का प्रयास करें फिर देंखे कि आपके प्रति लोगों का व्यवहास कैसे बदलता है। यदि आपकी पत्नी नौकरीपेशा है तो उसको अच्छे से समझें क्योंकि उसे दौहरी जिम्मेदारी निभाना होती है और यदि वह गृहस्थ में है तो यह भी समझें कि उसे कितने काम करना होते हैं। भगवान शिव के परिवार से शिक्षा लें।

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