मोक्ष सप्तमी : जैनियों का प्रमुख पर्व

पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक दिवस

Webdunia
FILE

जैन धर्म के अनुसार मोक्ष सप्तमी के दिन भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाएगा। दिगंबर एवं श्वेतांबर जैन मंदिरों में भगवान पार्श्वनाथ की विशेष पूजा-अर्चना, शांतिधारा कर निर्वाण लाडू चढ़ाने की प्रथा है।

जैन धर्म के अनुसार जिसका मोक्ष हो जाता है उसका मनुष्य भव में जन्म लेना सार्थक हो जाता है। जब तक संसार है तब तक चिंता रहती है जहां मोक्ष का पूर्णरूपेण क्षय हो जाता है वहीं मोक्ष हो जाता है।

हमें अपनी आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए मोहरूपी शत्रु का नाश करना पड़ता है। अत: हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। सब बड़ों के प्रति विनय भाव रखना चाहिए, क्योंकि विनय ही मोक्ष का द्वार है।

FILE
इसीलिए सभी को चैतन्य प्रभु से रिश्ता जोड़ना चाहिए, क्योंकि पुण्यात्मा जहां भी चरण रखते हैं वहां से दुख, अंधकार, कषाय, क्लेश स्वमेव ही प्रकाश व सुखों में परिवर्तित हो जाते हैं। प्रभु का स्पर्श तो हमें स्वर्ण ही नहीं पारस बना देता है। हम भी पार्श्व प्रभु की तरह अपने भवों को कम करके निर्वाण प्राप्ति की ओर बढ़ें।

अत: भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याण पर शिखरजी क्षेत्र की पूजा व निर्वाण कांड का पाठ करने पश्चात निर्वाण लाडू चढ़ाया जाता है। इस दिन खास तौर पर बालिकाएं निर्जला उपवास करती है, उनको घोड़ी-बग्घी में बिठाकर घुमाया जाता है तथा अगले दिन उनका पारण कराया जाता है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बांके बिहारी मंदिर में सिर्फ जन्माष्टमी पर ही क्यों होती है मंगला आरती, क्या है रहस्य

घर में कुत्ता पालने से कौन-सा ग्रह मजबूत होता है?

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्‍ण को 8 वक्त क्यों लगाएं भोग, जानिए रहस्य

जन्माष्टमी पर अपनाएं श्री कृष्ण नीति के ये 5 गुण, सफलता चूमेगी आपके कदम

जन्माष्टमी के अवसर पर पढ़िए श्रीमद्भागवत गीता के 10 सबसे प्रभावशाली श्लोक और उनके अर्थ

सभी देखें

धर्म संसार

18 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

18 अगस्त 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: सही निर्णय दिलाएंगे मनचाहा परिणाम, यहां पढ़ें 17 अगस्त का दैनिक राशिफल 12 राशियों के लिए

17 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

17 अगस्त 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त