विदुषी शांतिकुँवरजी की पुण्यतिथि मनाई

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मानव धर्म की प्रखर वक्ता बा.ब्र. विदुषी गुरुणीमैया श्री शांतिकुँवरजी म.सा. की तृतीय पुण्यतिथि गुड़गाँव में मनाई गई। रमणीककुँवरजी म.सा. ने कहा कि शांतिकुँवरजी म.सा. एक शिल्पकार थीं, जिन्होंने मेरे जीवन को तराशा। वे सरलता-सौम्यता, सहजता की त्रिवेणी संगम थीं।

महासती वंदनाजी, महासती मृदुलाजी, नूतनप्रभाजी ने अपने विचार गुरु गुणगान करते हुए व्यक्त किए। अध्यक्ष प्रेमचंदजी ने बताया कि वे यथा नाम तथा गुण की धनी थी, उनके चरणों में अपार शांति का अनुभव होता था। इस अवसर पर विशेष रूप से सर्वधर्म दिवाकर पू. श्री रमणीकमुनिजी म.सा. एवं निमाड़ सौरभ महासती श्री रमणीक कुँवरजी म.सा. (दमु) एवं अनेक संत व गणमान्यजन मौजूद थे।
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