महाकालेश्वर मंदिर का नवरात्रि पर्व

12 फरवरी को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

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देश के बारह ज्योतिर्लिगों में प्रमुख उज्जैन का भगवान महाकालेश्वर का मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ महाशिवरात्रि का पर्व नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है और भगवान महाकालेश्वर को नौ दिनों तक नए-नए स्वरूपों में आभूषणों से सजाया जाता है।

परंपरानुसार भारतीय संस्कृति में शिवरात्रि भगवान शिव के विवाह के वर्षगाँठ के रूप में मनाई जाती है। महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष यह उत्सव चार फरवरी से 12 फरवरी तक मनाया जाएगा। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर के विशाल परिसर को विवाह मंडप के रूप में सजाया जाता है।

भगवान महाकालेश्वर को महाशिवरात्रि पर्व के पूर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी से शुरू होने वाले नवरात्रि महोत्सव के अन्तर्गत नौ दिनो तक विभिन्न स्वरूपों में दूल्हे के रूप में सजा कर उनकी विशेष पूजा की जाती है। यह सिलसिला महाशिवरात्रि तक चलता है।

इस संबंध में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य एवं मंदिर के पुजारी महेश उस्ताद ने बताया कि नवरात्रि महोत्सव के तहत प्रतिदिन भगवान महाकालेश्वर को महाशिवरात्रि पर्व तक दूल्हे के रूप में सजाया जाता है और भगवान को नौ दिनो तक विभिन्न मुखौटे के रूप में सुसज्जित कर करोडों रुपए मूल्य के आभूषणों से श्रृंगारित किया जाता हैं।

उन्होंने बताया कि भगवान महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली इस नवरात्रि का शुभारंभ से विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ 11 पंडितों द्वारा रुद्राभिषेक कर होता है। उज्जैन के राजाधिराज कहे जाने वाले भगवान महाकालेश्वर को श्रद्धालुओं एवं प्राचीन समय के राजा महाराजाओं द्वारा भेंट किए गए सोने से मंडित मुकुट तथा हीरे-पन्ने से जडे गहनों से प्रतिदिन सजाया जाता है। (वार्ता)

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