शनि जयंती पर करें कष्टों का निवारण

शनि जयंती

Webdunia
FILE

शास्त्रों के अनुसार पूर्व कर्मों के कारण उत्पन्न होने वाली पीड़ा एवं कष्टों का निपटारा शनि महाराज करते हैं। कहा जाता है कि देवता भी यदि अवतार लेकर पृथ्वी में आते हैं तो उन्हें भी शनि की न्याय व्यवस्था के आगे नतमस्तक होना पड़ता है।

वट सावित्री अमावस्या को शनि जयंती विशेष अनुष्ठान के साथ संपन्न होगी। इस अवसर पर मंत्रों के साथ तैलाभिषेक कर शनि ग्रह को मनाकर सुख शांति प्रार्थना की जाएगी।

FILE
ज्योतिषी कहते हैं कि शनि से घबराने की आवश्यकता नहीं है बल्कि शनि को अनुकूल कर कार्य सिद्ध करने के लिए विधिपूर्वक मंत्र जाप एवं अनुष्ठान जरूरी होते हैं।

वस्तुतः पूर्व कृत कर्मों का फल यदि आराधना के द्वारा शांत किया जा सकता है, तो इसके लिए साधकों को पूरी तन्मयता से साधना और आराधना करनी चाहिए।

शनि मंदिरों एवं हनुमान के मंदिरों में अमावस्या को पूरी निष्ठा के साथ विशेष अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं।

अमावस्या को मंदिरों में प्रातः सूर्योदय से पूर्व पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाना तथा दिन में शनि महाराज की मूर्ति पर तैलाभिषेक एवं यज्ञ अनुष्ठानों के द्वारा हवनात्मक ग्रह शांति यज्ञ करने से मनुष्य को अपने पाप कर्मों से छुटकारा प्राप्त होता है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 16 मई 2025, जानें 12 राशियों का दैनिक राशिफल

वृषभ संक्रांति के इन उपायों से मिलेगा नौकरी में प्रमोशन और व्यापार में उन्नति

16 मई 2025 : आपका जन्मदिन

16 मई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क