श्वेताम्बर समाज के पर्युषण महापर्व प्रारंभ

Webdunia
WDWD
समग्र श्वेताम्बर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं। इन आठ दिनों में समाजजन धर्म-आराधनाओं में लीन रहेंगे।

पर्युषण आत्मशुद्धि का पर्व है। पर्युषण दो शब्दों से मिलकर बना है- परि और उषण। 'परि' का मतलब है- चारों तरफ से और 'उषण' का अर्थ है- रहना। अर्थात चारों तरफ से मन को उठाकर आत्मा के पास रहने का पर्व है पर्युषण। इसका मुख्य उद्देश्य बैर का विसर्जन और मैत्री की प्रभावना है।

पर्युषण में आत्मा को निर्मल व कोमल बनाने के लिए कल्पसूत्र का वाचन किया जाता है। कल्पसूत्र साक्षात कल्पवृक्ष है। पर्युषण पर्व एक दिन का है और उससे संबंधित अष्टाह्निका महोत्सव होने से यह पर्व आठ दिन का होता है। संवत्सरी पर्व क्षमापना पर्व है। इसी के अंतर्गत 12 सितंबर को भगवान महावीर का जन्मवाचन एवं 15 सितंबर को संवत्सरी महापर्व पर वारसा सूत्र वाचन तथा संवत्सरी प्रतिक्रमण होगा।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सूर्य व शनि की कुंभ राशि में युति, बढ़ेंगी हिंसक घटनाएं, जानिए क्या होगा 12 राशियों पर असर

आश्चर्य में डाल देते हैं उज्जैन से अन्य ज्योतिर्लिंगों की दूरी के अद्भुत आंकड़े

Valentine Day Astrology: इस वेलेंटाइन डे पर पहनें राशिनुसार ये रंग, प्रेम जीवन में होगा चमत्कार

क्या है महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व, योग साधना के लिए क्यों मानी जाती है ये रात खास

महाकुंभ में क्या है भगवान् शंकर और माता पार्वती के विवाह से शाही बारात का संबंध, जानिए पौराणिक कहानी

सभी देखें

धर्म संसार

12 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

12 फरवरी 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Mp tourism: मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल जहां जाकर मिलेगा तीर्थ यात्रा का पुण्य लाभ

महाकुंभ में साधु-संतों के लिए कढ़ी-पकौड़ी का भोज क्यों होता है खास? जानिए इस परंपरा के पीछे का भावनात्मक जुड़ाव

बुध का शनि की कुंभ राशि में गोचर से होगा 3 राशियों को बंपर लाभ, 3 को होगा नुकसान