सबसे पवित्र है घृत ज्योति

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शास्त्रों में घृत को पवित्र माना गया है। इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। अगर घी में शुद्धता नहीं है तो तेल ज्योति जलाई जा सकती है। सनातन धर्म में गाय को महालक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। गाय से मिलने वाली सभी चीजें पूजनीय हैं। चाहे वह मूत्र हो या गोबर। दूध व घी भी काफी पवित्र माने गए हैं। जब वैदिक काल में मुद्रा का चलन नहीं था। उन दिनों गोधन को सर्वोपरि धन माना जाता था।

एक गरीब आदमी भी 200 से 500 गाय पालता था। जीविका का एकमात्र साधन गाय होती थी। वन्य जीवन के कारण चारा की कोई कमी नहीं थी। यही कारण है कि वैदिक काल में तेल से ज्यादा घी की उपलब्धता थी।

लेकिन अब बाजारों में खाद्य वस्तुओं सहित घी में मिलावट की खबरें आने से नकली घी से जोत जलाना अशुभ है। आस्था पर चोट न हो, इसके लिए घृत ज्योति नहीं जलाने व तेल का जोत जलाना घी का अच्छा विकल्प है।
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