जानिए नमस्कार करने की प्रमुख विधि

Webdunia
नमस्कार और नमस्ते : संस्कृत शब्द नमस्कार को मिलते वक्त किया जाता है और नमस्ते को जाते वक्त। फिर भी कुछ लोग इसका उल्टा भी करते हैं। विद्वानों का मानना है ‍कि नमस्कार सूर्य उदय के पश्चात और नमस्ते सूर्यास्त के पश्चात किया जाता है।


 
प्राचीनकाल से ही हिन्दूजन मिलते वक्त नम:स्कार और जाते वक्त नमस्ते कहता आया है। यदि आप बड़े-बुजुर्गों से मिलते हैं तो उनको प्रणाम कहते या करते हैं।
 
1. हृदय नमस्कार :

दोनों हाथों को अनाहत चक्र (सीने पर) पर रखा जाता है, आंखें बंद की जाती हैं और सिर को झुकाया जाता है।
 
2. मस्तक नमस्कार :

हाथों को स्वाधिष्ठान चक्र (भोहों के बीच का चक्र) पर रखकर सिर झुकाकर और हाथों को हृदय के पास लाकर भी नमस्ते किया जा सकता है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

sawan somwar 2025: सावन का पहला सोमवार कब है? इस दिन क्या करें, पूजा का शुभ मुहूर्त

पंढरपुर यात्रा कब और क्यों निकाली जाती हैं, जानें इतिहास

मोहर्रम मास 2025: जानें मुहर्रम का इतिहास, धार्मिक महत्व और ताजिये का संबंध

श्रावण के साथ ही शुरू होगी कावड़ यात्रा, जानें क्या करें और क्या न करें

वर्ष 2025 में कब से प्रारंभ हो रहे हैं चातुर्मास, कब तक रहेंगे?

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Calendar : साप्ताहिक कैलेंडर हिन्दी में, जानें नए सप्ताह के 7 दिन के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: आज क्या कहती है आपकी राशि, जानें 29 जून का दैनिक राशिफल 12 राशियों के लिए

29 जून 2025 : आपका जन्मदिन

29 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

सावन मास के व्रत और त्योहारों की लिस्ट