Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

किस देवता को कौन सा प्रसाद पसंद है, पढ़ें रोचक धार्मिक जानकारी

हमें फॉलो करें किस देवता को कौन सा प्रसाद पसंद है, पढ़ें रोचक धार्मिक जानकारी
भारतीय पारंपरिक धार्मिक व्यवस्था में देवी-देवता मानवीय स्वरूप में स्वीकार्य हैं। चूंकि सगुण की उपासना करते हैं, इसलिए सगुण की हम मानवीय रूप में ही आराधना करते हैं। उनका जन्म होता है, विवाह होता है। परिवार होता है, निवास, वाहन, बच्चे, पसंद के फूल, फल.... मौसम, महीना... सब कुछ ठीक वैसे ही जैसे इंसान के हुआ करते हैं।
 
उसी के अनुरूप देवी-देवताओं के वाहन, मास, ऋतु, पसंदीदा फल, फूल, पूजा-पद्धति... मिष्ठान्ना-नेवैद्य इन सबका का भी एक नियम है। जैसे केतकी के फूल पार्वती को चढ़ते हैं, किंतु शिव को नहीं। काला चना दुर्गा को नैवेद्य में भोग लगाया जाता है, लेकिन किसी अन्य देवता को नहीं। आइए जानें कि किस देवता को भोग में क्या प्रिय है
 
विष्णु का नेवैद्य 
 
भगवान विष्णुजी को खीर या सूजी के हलवे का नेवैद्य बहुत पसंद है। खीर कई प्रकार से बनाई जाती है। खीर में किशमिश, बारीक कतरे हुए बादाम, बहुत थाड़ी-सी नारियल की कतरन, काजू, पिस्ता, चारौली, थोड़े से पिसे हुए मखाने, सुगंध के लिए एक इलायची, कुछ केसर और अंत में तुलसी जरूर डालें।
 
उसे उत्तम प्रकार से बनाएं और फिर विष्णुजी को भोग लगाने के बाद वितरित करें। मान्यता है कि प्रति रविवार और गुरुवार को विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में जाकर विष्णुजी को उक्त उत्तम प्रकार का भोग लगाने से दोनों प्रसन्ना होते हैं।
 
शिव का भोग
 
शिव को भांग और पंचामृत का नेवैद्य पसंद है। भोले को दूध, दही, शहद, शकर, घी, जलधारा से स्नान कराकर भांग-धतूरा, गंध, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र अर्पित किए जाते हैं। शिवजी को रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी अर्पित की जाती है। श्रावण मास में शिवजी का उपवास रखकर उनको गुड़, चना और चिरौंजी के अलावा दूध अर्पित करने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।
 
हनुमान को लगाएं भोग
 
हनुमानजी को हलुआ, पंच मेवा, गुड़ से बने लड्डू या रोठ, डंठल वाला पान और केसर- भात बहुत पसंद हैं। इसके अलावा हनुमानजी को कुछ लोग इमरती भी अर्पित करते हैं। कोई व्यक्ति 5 मंगलवार कर हनुमानजी को चोला चढ़ाकर यह नैवेद्य लगाता है, तो उसके हर तरह के संकटों का अविलंब समाधान होता है।
 
मां लक्ष्मी को भोग
 
लक्ष्मीजी को धन की देवी माना गया है। कहते हैं कि अर्थ बिना सब व्यर्थ है। लक्ष्मीजी को प्रसन्ना करने के लिए उनके प्रिय भोग को लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए। लक्ष्मीजी को सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्ना, केसर-भात बहुत पसंद हैं।
 
कम से कम 11 शुक्रवार को जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती।
 
दुर्गा माता को भोग
 
माता दुर्गा को शक्ति की देवी माना गया है। दुर्गाजी को खीर, मालपुए, हलुआ, केले, नारियल और मिष्ठान्न बहुत पसंद हैं। नवरात्रि के मौके पर उन्हें प्रतिदिन इसका भोग लगाने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है, खासकर माताजी को सभी तरह का हलुआ बहुत पसंद है, नवरात्रि में काला चना उनके नेवैद्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। बुधवार और शुक्रवार के दिन दुर्गा मां को विशेषकर नेवैद्य अर्पित किया जाता है। माताजी के प्रसन्ना होने पर वह सभी तरह के संकट दूर होते हैं।
 
सरस्वती माता भोग
 
माता सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। ज्ञान कई तरह का होता है। स्मृतिदोष है तो ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान को व्यक्त करने की क्षमता नहीं है, तब भी ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान और योग्यता के बगैर जीवन में उन्नति संभव नहीं। अत: माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा होना जरूरी है। माता सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू तथा धान का लावा पसंद है।
 
गणेश भोग
 
गणेशजी को मोदक या लड्डू का नैवेद्य अच्छा लगता है। मोदक भी कई तरह के बनते हैं। महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं। मोदक के अलावा गणेशजी को मोतीचूर के लड्डू भी पसंद हैं। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। नारियल, तिल और सूजी के लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते हैं।
 
भगवान श्री राम भोग
 
भगवान श्रीरामजी को केसर भात, खीर, धनिए का भोग आदि पसंद हैं। इसके अलावा उनको कलाकंद, बर्फी, गुलाब जामुन का भोग भी प्रिय है।
 
श्रीकृष्ण भोग
 
भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का नैवेद्य बहुत पसंद है। इसके अलावा खीर, हलुआ और मावा-मिश्री के लड्डू पसंद हैं।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Vasant Panchami 2021 : इस वसंत पंचमी पर राशि अनुसार पढ़ें सरस्वती मंत्र