chanakya niti : चाणक्य के अनुसार इन 5 लोगों का कभी अपमान न करें
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कई वाक्य कहे हैं और उन्हें आप अपने जीवन में उतार कर अपना अच्छा भविष्य और एक सम्मान योग्य जी सकते हैं तथा दूसरों को सम्मान देकर आप भी सम्मान पाने के हकदार बन सकते हैं। आइए जानते हैं यहां क्या कहती चाणक्य नीति, जानें 5 खास बातें-
1. मां : किसी भी व्यक्ति को अपनी जन्म देने वाली मां का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि माता का ऋण कभी चुकाया जा नहीं सकता। इसका कारण एक मां नौ महीने तक तमाम कष्ट सहते हुए अपने संतान को गर्भ में रखती है।
2. पिता : आचार्य चाणक्य के अनुसार एक बच्चे का जन्म से पहले ही वह पिता बन जाता है और पूरी जिंदगी अपने बच्चों की इच्छा पूर्ति तथा उसकी परवरिश में अपनी सभी इच्छाओं का त्याग करके उसके अच्छे भविष्य का निर्माण करता है। अत: पिता का अपमान या तिरस्कार कभी नहीं किया जाना चाहिए।
3. शिक्षक : चाणक्य के अनुसार जो मनुष्य या शिक्षक आपको शिक्षित करके समाज में रहने योग्य और उठने-बैठने योग्य बना रहा है तथा आपके अच्छे भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है, उसका सम्मान अवश्य किया जाना चाहिए।
4. पत्नी के माता-पिता : सभी विवाहित पुरुषों को अपनी पत्नी के माता-पिता का भी उतना ही सम्मान करना चाहिए, जितना कि वो अपने माता-पिता का करता है। चाणक्य कहते हैं कि जब भी जरूरत पड़े तो अपनी पत्नी के माता-पिता की सेवा करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
5. संत-महापुरुष : यदि आप किसी भी संत, महापुरुष या गुरु के सानिध्य में हैं, तो आपको उनका कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे आपको धर्म का मार्ग बताकर मोक्ष प्राप्ति तक पहुंचाते में सहायक होते हैं।
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