प्राणायाम के सामान्य नियम जानिए

Webdunia
प्राणायाम करने का सबसे उत्तम समय प्रातःकाल शौचादि से निवृत्त होने के पश्चात्‌ है। सायंकाल में की कुछ हल्के प्राणायाम किए जा सकते हैं।
 

 

 
* स्थान स्वच्छ, शांत और हवादार होना चाहिए।
 
* पद्मासन, सिद्धासन अथवा सुखासन पर बैठकर प्राणायाम करना चाहिए।
 
* प्राणायाम करने वाले साधक का आहार-विहार संतुलित, सात्विक एवं पवित्र होना चाहिए।
 
* प्राणायाम का अभ्यास श्रद्धा, प्रेम, धैर्य और सजगता के साथ नियमित करना चाहिए।
 
* दमा, उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों को कुंभक नहीं करना चाहिए।
 
* हर एक प्राणायाम करने के पश्चात्‌ एक दो गहरे लंबे सांस भरकर धीरे-धीरे निष्कासित करके श्वास को विश्राम देना चाहिए। उखड़े श्वास में कभी भी प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
 
* प्रत्येक प्राणायाम अपनी क्षमतानुसार करें, किसी स्तर पर किसी प्रकार के कष्ट का अनुभव न हो अथवा श्वास घुटने न पाए।
 
* प्राणायाम करने वाले साधक के वस्त्र मौसम के अनुकूल कम से कम तथा ढीले होने चाहिए।
 
* किसी रोग की स्थिति में तथा गर्भवती महिलाओं को वेगयुक्त प्राणायाम नहीं करने चाहिए।

 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

गर्मी में करें ये धार्मिक उपाय, मिलेगी तपती धूप में सकारात्मक ऊर्जा और शांति

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण