कौन सी नदी कहलाती है वृद्ध गंगा, जानिए धार्मिक और पौराणिक महत्व

WD Feature Desk
बुधवार, 19 फ़रवरी 2025 (14:44 IST)
Which River is called the Old Ganga in India: भारत में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। इस देश में नदियों का विशेष महत्त्व है, क्योंकि नदियां हमारे जीवन का आधार हैं और इस देश की सभ्यता और संस्कृति को पोषित करने वाली भी नदियां ही हैं यही वजह है कि लोगों की धार्मिक आस्थाएं नदियों से जुड़ी हुई है। भारत में हर नदी की अपनी कहानी है ऐसी ही एक नदी के बारे में हम आज आपको बता रहे हैं जिसे वृद्ध गंगा के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं।   

 
किस नदी को कहा जाता है वृद्ध गंगा
हम बार कर रहे हैं भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी गोदावरी की। गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा या वृद्ध गंगा के नाम से भी जाना जाता है। इस नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। कुल 1465 किलोमीटर लंबाई के साथ गोदावरी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है। यह गंगा के बाद देश की सबसे लंबी नदी है। इन सभी तथ्यों के साथ-साथ यह सबसे पुरानी नदियों में से एक है। यही वजह है कि गोदावरी नदी को हम वृद्ध गंगा के रूप में भी जानते हैं।

गोदावरी नदी का उद्गम एवं मार्ग
गोदावरी नदी का उद्गम महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर से होता है। यह पश्चिमी घाट की 
त्र्यंबक पहाड़ियों से निकलती है, जहां प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग भी है। इस तथ्य से गोदावरी का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

गोदावरी नदी महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों से होकर बहती है। अंत में यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गोदावरी नदी की कई सहायक नदियां हैं, जिनमें प्रमुख हैं प्राणहिता, इंद्रावती, मंजिर, वैनगंगा और वर्धा। 

ALSO READ: माघ पूर्णिमा का स्नान है सबसे महत्वपूर्ण, जानिए गंगा नदी में क्यों लगाना चाहिए 5 डुबकी?
धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व
गोदावरी नदी को हिंदू धर्म में पवित्र नदी माना जाता है। इस नदी के किनारे कई प्राचीन मंदिर और तीर्थस्थल स्थित हैं। यहां कुंभ मेला भी लगता है, जिसे दक्षिण भारत का कुंभ मेला कहा जाता है। गोदावरी नदी का पानी सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। इसके किनारे स्थित शहर व्यापार और कृषि के महत्वपूर्ण केंद्र हैं।



Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शिव चालीसा पढ़ते समय ये गलतियां तो नहीं करते हैं आप?

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

विजया एकादशी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का फल

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

सभी देखें

धर्म संसार

Tarot Card Predictions 2025: टैरो कार्ड राशिफल 2025, जानिए कैसा रहेगा मीन राशि का भविष्‍य

Tarot Card Predictions 2025: टैरो कार्ड राशिफल 2025, जानिए कैसा रहेगा कुम्भ राशि का भविष्‍य

Kumbh Mela 2027 : प्रयागराज महाकुंभ के बाद अगला कुंभ मेला कब और कहां लगेगा?

महाशिवरात्रि 2025 : महाभारत के अर्जुन से जुड़ा है 1000 साल से भी ज्यादा पुराने दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का इतिहास

कैसे प्रकट हुए थे शिव, जानिए भगवान् शिव के प्रकटोत्सव की अद्भुत पौराणिक कथा

अगला लेख