ऐंती के मेले में पधारें लाखों श्रद्धालु

मुरैना का त्रेतायुगीन शनिश्चरा मंदिर

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ऐंती का शनिश्चरा मंदिर त्रेतायुगीन होने के कारण पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है। मुरैना जिले में स्थित इस मंदिर की ग्वालियर से मात्र 18 किलोमीटर दूरी है। इस मंदिर में हर शनिश्चरी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, झाँसी, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर सहित मध्यप्रदेश के कोने-कोने से आते हैं।

पड़ोस के राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी शनि की शांति के लिए हजारों लोग शनि मेले में दर्शन को आते हैं और दान पुण्य, पूजा-पाठ व हवन यज्ञ व भंडारा करके पुण्य कमाते हैं।

ऐंती पर्वत पर शनिश्चरी अमावस्या को शनिश्चरा मेला आयोजित किया जाता है। जहाँ लाखों की तादाद में श्रद्धालु उमड़ते हैं। इस दिन मेले में दौरान मुंडन का विशेष महत्व होता है। ऐंती के शनिश्चरा मंदिर पर मेले का स्वरूप जितना व्यापक था, उस लिहाज से मुरैना जिला प्रशासन और माफी औकाफ बोर्ड श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्थाएँ बनाने में हर बार अक्षम साबित हुआ। इस तरह ऐंती के शनि मेले के लिए मुरैना के साथ ग्वालियर से भी व्यवस्थाएँ जरूरी हैं।

पर्वत पर बने इस शनि मंदिर के मेले के लिए अधिकांश श्रद्धालु पहले ग्वालियर पहुँचते हैं और उसके बाद ऐंती के लिए रवाना होते हैं। लाखों लोगों के आगमन को देखते हुए अस्थायी प्रसाधन स्थल चिह्नित न करने से लोगों ने जगह-जगह गंदगी फैलाई।

इस कारण शनि पर्वत पर नंगे पैर दर्शन को आए सैकड़ों लोगों की पवित्र भावनाएँ इससे आहत हुईं। इस मौके पर दूर-दराज से आए लोगों ने अपने कपड़े और चप्पल-जूते यहीं छोड़कर पनौती भेंट की। शनिश्चरी अमावस्या पर मेले में कई समितियों व भक्त मंडलों ने निःशुल्क भंडारे लगाए। इस मेले में पूरे भारत से श्रद्धालुओं का आगमन हुआ।

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