Dharma Sangrah

राधा-कृष्ण के ‘प्रेम मंदिर’ का लोकार्पण

जगद्गुरू कृपालू महाराज की अनुपम भेंट

Webdunia
ND

जगद्गुरू कृपालू महाराज द्वारा वृंदावन में बनवाए गए भगवान कृष्ण और राधा के भव्य प्रेम मंदिर का लोकार्पण 17 फरवरी को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच किया जाएगा। इस मंदिर के निर्माण में 11 साल का समय और करीब 100 करोड़ रुपए की धन राशि लगी है। इसमें इटालियन करारा संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है और इसे राजस्थान और उत्तरप्रदेश के एक हजार शिल्पकारों ने कड़ी मेहनत के बाद बनाया है।

जगदगुरू कृपालू परिषद श्याम धाम प्रेम मंदिर के प्रचारक स्वामी मुकुंदानंद ने बताया कि भगवान कृष्ण और राधा के इस प्रेम मंदिर का शिलान्यास 14 जनवरी 2001 को कृपालू महाराज ने लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में किया था। उसी दिन से राजस्थान और उत्तरप्रदेश के एक हजार शिल्पकार अपने साथ हजारों सहयोगी मजदूरों के साथ इस मंदिर के निर्माण कार्य में लग गए। ग्यारह साल के कठोर श्रम के बाद तैयार हुआ यह भव्य प्रेम मंदिर सफेद इटालियन करारा संगमरमर से तराशा गया है।

वृदांवन के चटिकारा मार्ग पर स्थित यह अद्वितीय मंदिर प्राचीन भारतीय शिल्पकला के पुन: जागृत होने का संकेत देता है और कृपालू महाराज का इस कृष्ण नगरी को यह एक उपहार है।

ND
उन्होंने बताया कि वृदांवन में बना यह भव्य मंदिर 54 एकड़ में बना है तथा इसकी ऊंचाई 125 फुट, लंबाई 122 फुट तथा चौड़ाई 115 फुट है। इसमें खूबसूरत फव्वारे, राधा-कृष्ण की मनोहर झांकियां, श्री गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला की झांकियां खूबसूरत उद्यानों के बीच सजाई गई है।

मंदिर के प्रचारक स्वामी मुकंदानंद ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण में 11 साल का समय तो लगा ही है। साथ ही साथ करीब 100 करोड़ रुपए की धन राशि लगी है जो कृपालू महाराज के देश-विदेश के हजारों भक्तों ने सहयोग के रूप में दी है। इस मंदिर का लोकार्पण 17 फरवरी को कृपालू महाराज के द्वारा किया जाएगा। इससे पहले 15 फरवरी को सुबह सात बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी। दूसरे दिन 16 फरवरी को शोभा यात्रा व 17 फरवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, द्वीप प्रज्ज्वलन और देवी दर्शन का कार्यक्रम होगा। उसके बाद पहली आरती और बैलून शो का आयोजन किया जाएगा। इस मंदिर के लोकार्पण के अवसर पर देश विदेश के हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे, जिनके ठहरने का इंतजाम मंदिर प्रशासन की ओर से किया गया है।

यह प्रेम मंदिर वास्तुकला के माध्यम से दिव्य प्रेम को साकार करता है। वर्ण, जाति देश आदि का भेद मिटाकर संपूर्ण विश्व को दिव्य प्रेम आनंद मंदिर में आमंत्रित करने के लिए इस मंदिर के द्वार सभी दिशाओं में खुलते है। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर अष्ठ मयूरों के नक्काशीदार तोरण बनाए गए हैं तथा पूरे मंदिर की बाहरी दीवारों पर राधा-कृष्ण की लीलाओं को शिल्पांकित किया गया है। इसी प्रकार मंदिर की भीतरी दीवारों पर राधाकृष्ण और कृपालू महाराज की विविध झांकियों को प्रस्तुत किया गया है। मंदिर में 94 स्तंभ हैं जो राधा-कृष्ण की विभिन्न लीलाओं से सजाए गए हैं।

मंदिर के गर्भगृह के बाहर और अंदर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट पच्चीकारी और नक्काशी की गई है तथा संगमरमर की प्लेटों पर राधा गोविंद गीत सरल भाषा में उकेरे गए हैं। कृपालू महाराज ने संपूर्ण जगत में प्रेम तत्व की सर्वोच्चता को स्थापित करने के लिए वृदांवन में इस मंदिर की स्थापना कराई है। (भाषा)

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Mahavir Nirvan Diwas 2025: महावीर निर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें जैन धर्म में दिवाली का महत्व

Diwali Muhurat 2025: चौघड़िया के अनुसार जानें स्थिर लग्न में दीपावली पूजन के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

Bhai dooj 2025: कब है भाई दूज? जानिए पूजा और तिलक का शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja 2025: अन्नकूट और गोवर्धन पूजा कब है, जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त

Diwali Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार दिवाली पर कौन सी चीजें घर से निकालें तुरंत?, जानें 6 टिप्स

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (21 अक्टूबर, 2025)

21 October Birthday: आपको 21 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 21 अक्टूबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (20 अक्टूबर, 2025)

20 October Birthday: आपको 20 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!