हरिशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास प्रारंभ

पाँच दिवसीय उत्सव की शुरुआत

Webdunia
ND

सनातनी धर्मावलंबियों के चातुर्मास 21 जुलाई से प्रारंभ हो गए। देवशयनी एकादशी के साथ ही चार माह के लिए भगवान विष्णु शयनगार में जाएँगे। इस कारण मांगलिक आयोजन अब चार माह बाद होंगे।

बुधवार से देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास उत्सव प्रारंभ हो गया। जगह-जगह धर्मालुजन व्रतोत्सव के साथ चार माह तक के व्रत का संकल्प लेंगे। पं. ओझा ने बताया पाप, नाश, सौभाग्य तथा संतान प्राप्ति के लिए पाँच दिवसीय गौ पद्म व्रतोत्सव किया जाता है। एकादशी से पूर्णिमा तक भगवान विष्णु का लक्ष्मी के साथ आह्वान कर पूजन करेंगे।

पूजन के तहत 33 कमल की माला चढ़ाकर इतनी ही बार नमस्कार तथा प्रदक्षिणा करते हैं। पाँच वर्ष तक व्रत के बाद उद्यापन करते हैं। मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इन पाँच दिनों में मंदिरों में कई आयोजन होंगे। देवशयनी एकादशी को हरिशयनी भी कहते हैं। इस संदर्भ में पौराणिक प्रसंग है- राजा बलि परम्‌ वैष्णव भक्त था। इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था।

भगवान ने उससे युद्घ करना उचित न समझा और छलपूर्वक वामन रूप धारण कर उससे तीन पग भूमि माँग ली। तब स्वर्ग लोक, मृत्यु लोक आदि नाप लिए। तीसरा पैर राजा के सिर पर रखा। इंद्र को स्वर्ग देकर राजा बलि को पाताल भेज दिया। इसी के अनंतर भगवान ने चातुर्मास के लिए शयन किया।

मान्यता है कि जब भगवान शयन करते हैं, तब मांगलिक आयोजन नहीं होते हैं। चार माह तक धर्म ध्यान होते हैं। श्रावण उत्सव, भाद्रपद में श्रीमद्‍भागवत, कुँवार में श्राद्घ और माँ शक्ति की आराधना होती है। कार्तिक शुक्ल एकादशी को देव उठते हैं। इसके बाद मांगलिक आयोजन शुरू होते हैं।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh uday: बुध का मीन राशि में उदय, जानिए 12 राशियों का राशिफल

क्या नवरात्रि में घर बंद करके कहीं बाहर जाना है सही? जानिए क्या हैं नियम

साल का चौथा महीना अप्रैल, जानें किन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली (पढ़ें मासिक भविष्‍यफल)

हर युग में प्रासंगिक है भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम पर निबंध 600 शब्दों में

1000 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होगा?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: किस राशि को मिलेगी आज हर कार्य में सफलता, जानें 02 अप्रैल 2025 का राशिफल

02 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

02 अप्रैल 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

अयोध्या के टॉप 5 स्थान जरूर देंखे, राम मंदिर आरती का समय, ठहरने और ट्रैवल्स की संपूर्ण जानकारी

Ram Navami 2025: कैसे मनाएं श्रीराम जन्मोत्सव