पार्वती-तुकेश्वर महादेव, जहां रहते हैं नागराज! (वीडियो)

सुधीर शर्मा
देशभर में भगवान शिव के अनेक सिद्ध प्राचीन मंदिर हैं। धर्मशास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता हैं। वे अपने गले में नागों को धारण करते हैं। ऐसे ही सिद्ध मंदिरों में से एक है मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित पार्वती तुकेश्वर महादेव। किंवदंती के मुताबिक यहां स्थित पीपल के वृक्ष में 12 फुट लंबे नाग का वास है।
कहा जाता है कि यह नाग भगवान शिव की शरण में रहता है। इस मंदिर का निर्माण 17वीं सदी  के उत्तरार्ध में सन् 1676 में हुआ था। देवी अहिल्या बाई ने सन् 1776 से 1799 के बीच इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मंदिर के पुजारी चन्द्रकांत कामले के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में माता पार्वती की सौम्य और चमत्कारी प्रतिमा है। इस प्रतिमा में पार्वती, शिवलिंग का जल से अभिषेक कर रही हैं। माता पार्वती की गोद में भगवान गणेश बालक रूप में स्तनपान कर रहे हैं। यह प्रतिमा दुर्लभ है।
अगले पन्ने पर, गणेशजी की दुर्लभ प्रतिमा...
 

कामले के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में ही गणेशजी की एक अन्य प्रतिमा भी विराजित है। इसमें गणेशजी पद्‍मासन की मुद्रा में बैठे हुए हैं। मंदिर के गर्भगृह में दो प्रतिमाओं का होना भी दुर्लभ है। इस गणेश प्रतिमा की भी पृथक विशेषता है। गणेशजी की सूंड में तीन आंटे हैं। उत्तर भारत में इस प्रकार की गणेश प्रतिमा एकमात्र है। दक्षिण में अष्टविनायक की मूर्ति है जिसमें यह विशेषता है।

मंदिर के बारे में कहा जाता है कि सूर्य की पहली किरण मां पार्वती, शिव और भगवान शिव की प्रतिमाओं पर पड़ती है। भक्तों की आस्था के केंद्र इस मंदिर में 30 फुट व्यास वाला पीपल का वृक्ष है। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां 12 फुट लंबा नाग रहता है। मंदिर परिसर में ही हनुमानजी का मंदिर और भगवान राम का मंदिर भी है। होलकरकालीन एक बावड़ी भी मंदिर परिसर में है। सोमवार और श्रावण माह में दर्शनार्थी यहां भगवान शिव का अभिषेक कर अपनी मनोकामना की पूर्ति का वरदान मांगते हैं।
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