रावण की पूजा नहीं ‍की तो....

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
getActiveSwf(); आस्था और अंधविश्वास की इस बार की कड़ी में हम आपको ले चलते हैं उज्जैन जिले के चिखली ग्राम में जहाँ ऐसी मान्यता है कि यदि रावण को पूजा नहीं गया तो पूरा गाँव जलकर भस्म हो जाएगा।

वीडियो देखने के लिए फोटो पर क्लिक करें और फोटो गैलरी देखने के लिए यहाँ क्लिक करें-

आप इसे आस्था मानें या अंधविश्वास लेकिन यहाँ परम्परा अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्र में दशमी के दिन पूरा गाँव रावण की पूजा में लीन हो जाता है। इस दौरान यहाँ रावण का मेला लगता है और दशमी के दिन राम और रावण युद्ध का भव्य आयोजन होता है। पहले गाँव के प्रमुख द्वार के समक्ष रावण का एक स्थान ही हुआ करता था, जहाँ प्रत्येक वर्ष गोबर से रावण बनाकर उसकी पूजा की जाती थी लेकिन अब यहाँ रावण की एक विशाल मूर्ति है।

  WD
बाबूभाई रावण यहाँ के पुजारी हैं। रावण की पूजा-पाठ करने के कारण ही उनका नाम बाबूभाई रावण पड़ा है। इनका कहना है कि मुझ पर रावण की कृपा है। गाँव में जो भी विपत्ति आती है तो मुझे रावण के सामने अनशन पर बैठना होता है। जैसे यदि गाँव में पानी नहीं गिरता है तो मैं अनशन पर बैठ जाता हूँ तो तीन दिन में जोरदार झमाझम बारिश हो जाती है।

यहाँ के सरपंच कैलाशनारायण व्यास का कहना है कि यहाँ रावण की ही पूजा होती है। पूजा करने की परम्परा वर्षों पुरानी है। एक वर्ष किसी कारणवश रावण की पूजा नहीं की गई थी और न ही मेला लगाया गया था तो पूरे गाँव में अकस्मात आग लग गई थी, ‍मुश्किल से सिर्फ एक घर ही बच सका।

 
 

एक स्थानीय महिला पद्मा जैन ने कहा कि दशमी के दिन यहाँ राम-रावण युद्ध का आयोजन होता है। पूजा नहीं किए जाने के कारण गाँव में एक बार नहीं दो बार आग लग चुकी है। एक बार तो यहाँ वीडियो लगाकर यह देखने का प्रयास किया गया था कि मेला नहीं लगाने पर आग लगती है कि नहीं। उस दौरान इतनी तेज आँधी चली कि सब कुछ उड़ गया। यह मैंने मेरी आँखों से देखा है।

जहाँ बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को प्रत्येक वर्ष जलाया जाता है, वहीं देखने में आया है कि श्रीलंका के रानागिर इलाके के अलावा भारत में भी रावण की कहीं-कहीं पूजा-अर्चना किए जाने का प्रचलन बढ़ रहा है। रावण के प्रति उक्त गाँव के समर्पण को आप क्या मानते हैं- आस्था या अंधविश्वास हमें जरूर बताएँ।
Show comments

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

Vivah muhurat 2025: साल 2025 में कब हो सकती है शादियां? जानिए विवाह के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त कौन कौनसे हैं?

अगला लेख