शिमला से मनाली लगभग 275 किलोमीटर दूर है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। मनाली न केवल अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, बल्कि कुल्लू घाटी का असली सौंदर्य मनाली में ही देखने को मिलता है। यहां देखने और घूमने के लिहाज से बहुत से मशहूर स्थल हैं।यह बेस्ट हनीमून स्पॉट भी है। यहां की सुरमई शाम अलसाती भोर का मजा ही कुछ और है। यदि मनाली जा रहे हैं तो वहां के मंदिरों के दर्शन जरूर करें।
मनाली हिमाचल प्रदेश : ( Manali honeymoon)
1. एडवेंचरस : एडवेंचरस के शौकिन लोगों के लिए यह बेहतरीन स्पॉट है। यहां आने वाले पर्यटक कस्बे में स्थित गांव में ठहरते हैं। यहां आप ट्रैकिंग, स्कीइंग और राफ्टिंग का मजा लेते हैं। मनाली से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सोलन या सोलांग वैली सैलानियों को खासी आकर्षित करती है। यहां ट्रैकिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग के कैंप आयोजित किए जाते हैं। आप यहां पैराग्लाइडिंग, पैराशूटिंग, स्कीइंग और हॉर्स राइडिंग भी कर सकते हैं।
2. प्रकृति का खजाना : चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। मनाली न केवल अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, बल्कि कुल्लू घाटी का असली सौंदर्य मनाली में ही देखने को मिलता है। यहां देखने और घूमने के लिहाज से बहुत से मशहूर स्थल हैं। यहां की सुरमई शाम अलसाती भोर का मजा ही कुछ और है। मनाली में व्यास नदी, जोगिनी झरना, सोलांग घाटी, रोहतांग पास और हिमवैली देखने लायक है।
3. कोठी राहला फॉल्स : मनाली से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोठी। यहां से पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यहां बीस नदी का तेजी से बहता ठंडा पानी अदभुत नजारा पेश करता है। कोठी से दो किमी की दूरी पर बीस नदी पर राहला फॉल्स स्थित है। यहां 50 मीटर की ऊंचाई से गिरता झरने का पानी सैलानियों को खूब लुभाता है।
4. जंगल : मनाली सैंचुरी में पर्यटक कैपिंग के लिए पहुंचते हैं।
5. रोहतांग पास : मनाली से करीब 53 कि.मी. दूर स्थित प्रसिद्ध रोहतांग पास में पर्यटकों को ग्लेशियर, चोटियां और घाटियों के एडवेंचरस और सांसें रोक देने वाले दृश्य दिखाई देते हैं।
6 बोटिंग : मनाली में कुछ छोटे-छोटे गार्डन भी है, जहां पर्यटक बोटिंग का लुत्फ उठाते है। बोट क्लब के निचले हिस्से से चट्टानों के बीच से व्यास नदी बहती नजर आती है।
7. हवा का झरोखा : मनाली के बाहरी भाग में हवा का एक अनोखा प्राकृतिक स्थान है- 'झरोखा'। यह स्थान तीनों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। उन पहाड़ियों के बीच से लगातार ठंडी हवाएं बहती रहती है। यहां एक शिव मंदिर भी है, जो पूर्णतयाः 'लकड़ी' से बना है। यह प्राचीन कला कौशल का श्रेष्ठ प्रमाण है।
8. हनीमून डेस्टीनेशन : यह बेस्ट हनीमून स्पॉट भी है। आप चाहें तो यहां पर किराए पर बाइक लेकर ओल्ड मनाली में घूम सकेत हैं। लोकल मार्केट में जाएं और यहां स्वादिष्ट खाने का मजा लें। यदि आप नानवेज खाने के शौकिन हैं तो यहां कि ट्राउट जरूर खाएं जो एक प्रकार की मछली है।
9. मनाली के मंदिर : मनाली में हडिंबा देवी मंदिर, मनीकरण गुरुद्वारा, व्यास कुंड, लकड़ी से बना शिव मंदिर आदि कई धार्मिक स्थल है। हडिंबा मंदिर भीम की पत्नी को समर्पित है। देवदार के वृक्षों से घिरा यह खूबसूरत मंदिर चट्टानों पर लकड़ी का बना है, जिसकी छत शंकु के आकार की है। शहर के केंद्र में स्थित यहां का राम मंदिर भी देखने लायक है। यहां का मनु मंदिर भी बहुत प्राचीन है जो व्यास नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल है लेकिन यहां जाकर आपको सुकून का अहसास होगा। मनाली से 7 किलोमीटर दूर गायत्री मंदिर भी है। मनाली में सियाली महादेव के मंदिर जाना न भूलें क्योंकि यह बहुत ही प्रसिद्ध और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है। गौरी शंकर मंदिर पत्थरों की नक्काशी से युक्त है। हिमालय निंगमापा बौद्ध मंदिर को 1957 में तिब्बतियों ने बनाया था।
10. सावधानियां : मनाली जा रहे हैं तो अपनी सुरक्षा, ट्रेकिंग के सभी सामान ले जाएं। बर्फबारी और ठंड से बचने के लिए भी इंतजाम कर लें। यहां भूस्खल भी होते रहते हैं। जनवरी और फरवरी में यहा स्नोफॉलल होता है।
कैसे पहुंचे : इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है। चंडीगढ़ या दिल्ली तक ट्रैन से पहुंचकर मनाली के लिए बस उपलब्ध है। चंडीगढ़ से मनाली की दूरी 309 किलोमीटर है। मनाली के नजदीक भंतूर एयरपोर्ट है।