पुष्पगिरि जैन तीर्थ

प्रस्तुति : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

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इंदौर-भोपाल मार्ग पर सोनकच्छ से चार किलोमीटर दूर जैन धर्म के प्राचीन स्थल पर नवनिर्मित तीर्थ एक ऐसा मनोरम जैन तीर्थ स्थल है जो कोलाहल एवं प्रदूषण की दुनिया से बहुत दूर है। जहाँ पहुँचकर मन में बहुत शांति मिलती है।

इस तीर्थस्थल के प्रणेता है युग प्रमुख आचार्य श्रीपुष्पदंतसागरजी महाराज और क्रांतिकारी राष्ट्र संत मुनिश्री तरुणसागरजी महाराज सहित संघस्थ समस्त मुनिजन इसके मार्गदर्शक रहें है।

इस तीर्थ के निर्माण की गाथा अनूठी रही है। श्रीपुष्पदंतजी महाराज के स्वप्न में उक्त स्थान के एक खेत में पड़ी भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति ने दर्शन दिए। बस तभी से उक्त स्थान एक तीर्थ का आकार लेने लगा जो आज दिगम्बर जैन संप्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थान बन गया है।

यहाँ पर दो प्राचीन प्रतिमाएँ स्थापित की गई है पहली 1008 श्री भगवान पार्श्वनाथ और दूसरी 1008 श्री भगवान आदिनाथ। उक्त तीर्थ स्थल पर संत निवास, सत्संग हाल, जिनालय, साधना केंद्र, जल विहार के अलावा स्कूल, अस्पताल और छात्रावास भी है।

कैसे पहुँचे : पु‍ष्पगिरि तीर्थ इंदौर-भोपाल मार्ग पर स्थित है जो कि इंदौर से 60 किमी, उज्जैन से 61 किमी. देवास से 25 किमी, भोपाल से 130 किमी तथा सोनकच्छ से 4 किमी दूरी पर है। नजदीकी रेल्वे स्टेशन- देवास, इंदौर, उज्जैन और भोपाल। नजदीकी एयरपोर्ट- इंदौर एवं भोपाल।

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