ये हैं कश्मीर के प्राचीन हिंदू मंदिर और धर्मस्थल, जहाँ सदियों से गूंजती है आस्था की ध्वनि

WD Feature Desk
शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (13:28 IST)
Famous hindu temples in kashmir : कश्मीर, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ सदियों पुरानी हिंदू संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र भी रहा है। शांत घाटियों और बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच, यहाँ कई ऐसे प्राचीन मंदिर और धर्मस्थल स्थित हैं, जो आज भी आस्था और श्रद्धा के जीवंत प्रतीक हैं। आइए, कश्मीर के कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों और धर्मस्थलों की यात्रा करते हैं:
 
शंकराचार्य मंदिर:

श्रीनगर की  पहाड़ी पर स्थित, यह मंदिर आदि शंकराचार्य को समर्पित है। माना जाता है कि 8वीं शताब्दी में उन्होंने यहाँ आकर साधना की थी। मंदिर से पूरे श्रीनगर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। इसका ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व इसे कश्मीर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बनाता है।
 
शारिका देवी मंदिर:

हरी पर्बत पहाड़ी पर स्थित, यह मंदिर माँ दुर्गा के एक रूप, शारिका देवी को समर्पित है। स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर की गहरी आस्था है। नवरात्रों के दौरान यहाँ विशेष पूजा-अर्चना होती है और भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर का शांत वातावरण मन को शांति और सुकून प्रदान करता है।
 
खीर भवानी:

श्रीनगर के पास तुलमुला गाँव में स्थित यह मंदिर माँ रागन्या देवी को समर्पित है। मंदिर के चारों ओर चिनार के पेड़ और एक पवित्र कुंड है, जिसका पानी समय-समय पर अपना रंग बदलता है, जिसे शुभ-अशुभ संकेतों से जोड़कर देखा जाता है। हर साल ज्येष्ठ अष्टमी को यहाँ भव्य मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
 
पंडरीनाथ मंदिर:

यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और श्रीनगर के पुराने इलाकों में स्थित है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक कश्मीरी शैली में बनी हुई है। शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा के कारण यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच गहरी श्रद्धा रखता है।

ALSO READ: पहलगाम का वह मंदिर जहां माता पार्वती ने श्री गणेश को बनाया था द्वारपाल, जानिए कौन सा है ये मंदिर
 
दुर्गानाग मंदिर:

डल झील के पास स्थित, यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है। मंदिर के चारों ओर हरे-भरे बाग और शांत वातावरण इसे एक आध्यात्मिक आश्रय स्थल बनाते हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक है।
 
भूतेश्वर मंदिर:

भूतेश्वर मंदिर भगवान शिव के भूतेश्वर स्वरुप को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा जयसिंह ने करवाया था। मंदिर का आयताकार आकार इसे दूसरों से अलग बनाता है और साथ ही यह जिले के आकर्षक पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर की संरचना इसे एक भव्यता प्रदान करती है। 
 
मार्तंड सूर्य मंदिर:

अनंतनाग के पास स्थित, यह मंदिर 8वीं शताब्दी का एक अद्भुत स्थापत्य कला का उदाहरण है। सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर कभी अपनी भव्यता के लिए जाना जाता था, हालांकि अब यह खंडहर में तब्दील हो गया है, फिर भी इसकी ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्ता आज भी बरकरार है। मंदिर की विशाल संरचना और पत्थर की नक्काशी प्राचीन कश्मीर की कला और संस्कृति की गवाही देती है।
 
अमरनाथ:

हिमालय की ऊँची गुफाओं में स्थित अमरनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन के लिए कठिन यात्रा करते हैं। यह मंदिर आस्था और प्रकृति के अद्भुत संगम का प्रतीक है।
 
कश्मीर के ये प्राचीन हिंदू मंदिर और धर्मस्थल न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि यह क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के भी प्रतीक हैं। इनकी वास्तुकला, किंवदंतियाँ और शांत वातावरण हर आगंतुक को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि कश्मीर की आत्मा इन प्राचीन मंदिरों और धर्मस्थलों में आज भी जीवित है, जो सदियों से आस्था की अटूट धारा को प्रवाहित कर रही है।

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सिंधु नदी के 10 रोचक तथ्य, पाकिस्तान के सिंध प्रांत को क्या कहते थे पहले?

वास्तु के अनुसार कैसे प्राप्त कर सकते हैं नौकरी

रामायण से लेकर महाभारत तक के भगवान परशुरामजी के 8 किस्से

बाबा नीम करोली के अनुसार धन कमाने के बाद भी निर्धन रहते हैं ये लोग

अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं 3 शुभ योग, कर लें 5 उपाय, होगी धन की वर्षा

सभी देखें

धर्म संसार

Pradosh Vrat 2025: शुक्र प्रदोष व्रत आज, जानें मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा

Aaj Ka Rashifal: 25 अप्रैल का दैनिक राशिफल, आज आपके जीवन में क्या बदलाव आ सकते हैं?

युद्ध के बारे में क्या कहती है महाभारत, जानिए 10 खास सबक

पहलगाम का वह मंदिर जहां माता पार्वती ने श्री गणेश को बनाया था द्वारपाल, जानिए कौन सा है ये मंदिर

25 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख