Janaki Jayanti 2021 : जानिए नेपाल के जानकी मंदिर की 5 रोचक बातें, जहां हुआ था सीता स्वयंवर

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रामायण काल में मिथिला के राजा जनक थे। उनकी राजधानी का नाम जनकपुर है। जनकपुर नेपाल का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह नेपाल की राजधानी काठमांडू से 400 किलोमीटर दक्षिण पूरब में बसा है। यह शहर भगवान राम की ससुराल के रूप में विख्यात है। इस नगर में ही माता सीता ने अपना बचपन बिताया था। कहते हैं कि यहीं पर उनका विवाह भी हुआ। यहां एक मंदिर बना हुआ है। आओ जानते हैं इस मंदिर के बारे में 5 रोचक जानकारी।

 
वैशाख शुक्ल अष्टमी 20 मई 2021 गुरुवार को जानकी जयंती है।

 
1. यहां हुआ था स्वयंवर : विवाह पंचमी के अवसर पर लोग अक्सर इस मंदिर में आते हैं। कहते हैं कि भगवान राम ने इसी जगह पर शिव धनुष तोड़ा था। यहां मौजूद एक पत्थर के टुकड़े को उसी धनुष का अवशेष कहा जाता है। 
 
2. उत्तर धनुषा : यहां धनुषा नाम से विवाह मंडप स्‍थित है इसी में विवाह पंचमी के दिन पूरी रीति-रिवाज से राम-जानकी का विवाह किया जाता है। यहां से 14 किलोमीटर 'उत्तर धनुषा' नाम का स्थान है।
 
 
3. महारानी वृषभानु कुमारी ने कराया मंदिर का निर्माण : यहां जानकी माता मंदिर का निर्माण कराया भारत के टीकमगढ़ की महारानी वृषभानु कुमारी ने। पुत्र प्राप्ति की कामना से महारानी वृषभानु कुमारी यहां रहती थीं। यहां रहने के दौरान वृभानु कुमारी को माता सीता की एक मूर्ति मिली थी। यह भी कहा जाता है कि यह मूर्ति एक एक संत मिली थी, जो सोने की थी। महारानी ने 1895 ईस्वी में जानकी मंदिर का निर्माण करवाया। उन्होंने ही यहां मूर्ति को स्थापित किया था। जानकी मंदिर साल 1911 में बनकर तैयार हुआ था।
 
 
4. नौरखा मंदिर : करीब 4860 वर्ग फीट में फैले इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि उस समय इसके निर्माण पर कुल नौ लाख रुपए खर्च हुए थे, इसलिए इस मंदिर को नौलखा मंदिर भी कहते हैं। 115 सरोवर : इस मंदिर को जनकपुरधाम भी कहा जाता है। मंदिर के विशाल परिसर के आसपास कुल मिलाकर 115 सरोवर हैं। इसके अलावा कई कुण्ड भी हैं, जिनमें गंगासागर, परशुराम कुण्ड एवं धनुष-सागर अधिक प्रसिद्ध हैं।
 
5. अभी तक चल रहा है अखंड पाठ : इस मंदिर में वर्ष 1967 से लगातार यहां सीता-राम नाम का जाप और अखंड कीर्तन चल रहा है।

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