51 Shaktipeeth : सुगंधा सुनंदा पीठ बांग्लादेश शक्तिपीठ-22

अनिरुद्ध जोशी
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार सुगंधा- सुनंदा शक्तिपीठ बांग्लादेश शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
सुगंधा- सुनंदा शक्तिपीठ : बांग्लादेश के शिकारपुर में बरिसल या बरीसाल से उत्तर में 21 किमी दूर शिकारपुर नामक गांव में सुनंदा नदी (सोंध) के किनारे स्थित है मां सुगंध, जहां माता की नासिका गिरी थी। इसकी शक्ति है सुनंदा और भैरव या शिव को त्र्यंबक कहते हैं। यहां का मंदिर उग्रतारा के नाम से विख्‍यात है। यह मंदिर पत्थर का बना हुआ है। मंदिर की पत्थर की दीवारों पर भी देवी-देवताओं के चित्र उत्कीर्ण हैं। मंदिर के परिसर को देखकर समझा जा सकता है कि मंदिर बहुत ही प्राचीन है।
 
इस शक्तिपीठ का नाम भरतचंद्र की बांग्ला कविता ‘अन्नादामंगल’ में मिलता है। यहां पर स्थापित प्राचीन मूर्ति तो चोरी हो गई और उसके स्थान पर नई मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति बौद्ध तंत्र से संबंधित मानी जाती है। उग्रतारा सुगंदा देवी के पास तलवार, खेकड़ा, नीलपाद, और नरमुंड की माला है। कार्तिक, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, गणेश उनके ऊपर स्थापित हैं। 
 
खुलना से स्टीमर से बरीसाल पहुंचकर वहां से सड़क मार्ग से शिकारपुर ग्राम पहुंचा जा सकता है। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन झलकटी है, यहां से मंदिर 8 किलोमीटर की दूरी पर है और निकटतम एयरपोर्ट बारीसाल में हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सूर्य कर्क संक्रांति कब रहेगी, क्या है इसका महत्व?

क्या 12 ही महीने बर्फ से ढका रहता है बाबा अमरनाथ का शिवलिंग? जानिए हिम शिवलिंग के रहस्य

श्रावण माह में इस बार कितने सोमवार हैं और किस तारीख को, जानिए

वर्ष 2025 में कब से शुरू हो रहा है सावन माह का सोमवार, जानिए श्रावण मास डेट एंड पूजा टाइम

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

कावड़ यात्रा 2025: यूपी सरकार ने कमर कसी, शिवभक्तों की कावड़ के साथ छेड़छाड़ पड़ेगी महंगी

09 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

09 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

डाउजिंग: अदृश्य शक्तियों द्वारा मार्गदर्शन

चाणक्य के अनुसार कौन होता है सच्चा गुरु? क्या हैं गुरु के गुण?

अगला लेख