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जानिए दुनिया के पांच प्रसिद्ध धार्मिक स्थल

दुनिया के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भाग-1

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार, 11 जुलाई 2012 (18:44 IST)
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जब धार्मिक स्थलों की बात होती है तो भारत की ओर बरबस ही नजर ठहर जाती है। निश्चित ही भारत धार्मिक स्थलों के मामले में अमीर है। लेकिन हम बात कर रहे हैं दुनिया के उन प्रमुख स्थलों की जो जितने प्रसिद्ध हैं उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण और विवादित भी।

1. कैलाश मानसरोवर : यह जहां हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है वहीं यह बौद्ध और जैन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए भी महत्व क ी भूमि है। चूंकि यह तीर्थ भारत में होना चाहिए थ ा, लेकिन यह अब चीन में है इसीलिए यह विवादित भी है। हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि चीन में है तो सुरक्षित और सा फ- सुधरा है अन्यथा 'मानसरोव र' के क्या हाल होते यह एक भारतीय से ज्यादा कौन समझ सकता है।

य ह भगवा न शि व क ा निवा स स्था न है । यहा ं शि व साक्षात ् विराजमा न है ।

 

शिव की नगरी है जो, पढ़े अगले पन्ने पर...


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2. काशी विश्वनाथ : इसे बनारस और वाराणसी भी कहा जाता है। भगवान शिव के त्रिशुल की नोक पर बसी है शिव की नगरी काशी। गंगा किनारे हजारों वर्षो पुराने हिंदुओं के इस तीर्थ स्थल पर स्थित है बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्वनाथ। पतित पावनी भागीरथी गंगा के तट पर धनुषाकारी बसी हुई यह काशी नगरी वास्तव में पाप-नाशिनी है। भगवान शंकर को यह गद्दी अत्यन्त प्रिय है इस ीलिए उन्होंने इसे अपनी राजधानी एवं अपना नाम काशीनाथ रखा है।

विष्णु ने अपने चिन्तन से यहां एक पुष्कर्णी का निर्माण किया और लगभग पचास हजार वर्षों तक वे यहां घोर तपस्या करते रहे। भगवान बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त कर यहीं पर अपना पहला प्रवचन दिया और जैनियों के तीन तीर्थंकरो का जन्म यहीं हुआ इसीलिए यह तीनों धर्मों के लिए पवित्र स्थल है। पुराणों में इस नगरी का बहुत विस्तृत वर्णन मिलता है। कबीर ने यहीं पर बैठकर अपने संदेश को दु‍निया में फैलाया। तुलसीदास जी ने यहीं बैठकर रामचरित मानस की रचना की।

चीनी यात्री (ह्वेनसांग) के अनुसार उसके समय में काशी मे सौ मंदिर थे, किन्तु मुस्लिम आक्रमणकारियों ने सभी मंदिर ध्वस्त कर मस्जिदों का निर्माण किया। मुस्लिम काल के प्रसिद्ध शासक औरंगजेब ने इसका नाम बदलकर मस्जिदें बनाई। इसीलिए आज यह स्थान विवादित स्थल हो चला है।

जहां जन्म हुआ मर्यादा पुरूषोत्तम का, अगले पन्ने पर...


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3. राम की अयोध्या : भगवान राम का जन्म आज से 7124 वर्ष पूर्व अर्थात 5116 ईस्वी पूर्व अयोध्या में हुआ था। जैनियों के प्रर्थम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्म भी अयोध्या में हुआ था। तथ्य कहते हैं कि सन् 1528 में अयोध्या में जन्मभूमि पर बने राम मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद का निर्माण किया गया। मुगल सम्राट बाबर ने ये मस्जिद बनवाई थी इसलिए इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा गया। बाबर भारत का बादशाह नहीं था।

माखनचोर का जन्मस्थल, पढ़े अगले पन्ने पर...


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4. कृष्ण की मथुरा : मथुरा उत्तर प्रदेश जिले में यमुना नदी के तट पर बसा एक सुंदर शहर है। यह विश्व का प्राचीन शहर है। 500 ईसा पूर्व के प्राचीन अवशेष मिले हैं, जिससे इसकी प्राचीनता सिद्ध होती है। कृष्ण जन्मभूमि हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। यह उसी तरह है जिस तरह की मदीना मुस्लिमों की आस्था का केंद्र है।

रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व (अर्थात आज से 5123 वर्ष पूर्व) को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। इस कारागार को एक भव्य मंदिर में बदल दिया गया था, लेकिन मुस्लिम शासकों ने सन् 1669 ईस्वी में मंदिर को नष्ट कर इसकी भवन सामग्री से जन्मभूमि के आधे हिस्से पर एक भव्य ईदगाह बनवा दी गई, जो कि आज भी विद्यमान है।

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5. माता वैष्णो देवी : भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू जिले में कटरा नगर के समीप वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है वैष्णो देवी का मंदिर। वैष्णो देवी को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। यहां पर भारत ही नहीं दुनियाभर से लोग माता के दर्शन करने आते हैं। यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है।

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