प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर

पत्थरों से निर्मित चमत्कारिक शिवलिंग

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मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी के किनारे बसे हरदा जिले के ग्राम चारूवा में स्थित हैं प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर। भव्य पुरातन शैली में पत्थरों से निर्मित इस मंदिर के शिवलिंग को चमत्कारिक माना जाता है।

मध्यप्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश से यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। यहां के विशाल मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान शिव की आराधना करते हैं।

खास तौर पर यहां महाशिवरात्रि के दिन भक्तों का तांता सुबह से लगना शुरू हो जाता है। भक्त कोशिश करते हैं कि पृथ्वी पर जहां-जहां भी शिवलिंग स्थापित हैं, सबके दर्शन करें और अपना जीवन पुण्यमय बनाएं। ऐसे में भक्तों का रुझान प्राचीन काल में स्थापित शिव मंदिरों की ओर अधिक रहता है।

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मंदिर प्रांगण में पीछे की ओर प्राचीन पत्थरों से निर्मित वर्गाकार भूलभुलैया संरचना भी बनी है। माना जाता है कि यह सरंचना महाभारत युद्ध के चक्रव्यूह की भांति है। इसमें स्थित विचित्र गुत्थी को सुलझाने वाला तीव्र बुद्धिमान होता है।

महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रतिवर्ष यहां भगवान गुप्तेश्वर का मेला लगता है। पावन पर्व के अवसर पर भगवान भोलेनाथ की भव्य पालकी निकाली जाती है।

कैसे पहुंचे?

वायु मार्ग :- हरिपुरा का गुप्तेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश के हरदा जिले के ग्राम चारूवा में स्थित है। इंदौर स्थित यहां का सबसे निकटतम देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डा है।

रेलमार्ग :- यहां जाने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से खंडवा जाने वाली बड़ी रेललाइन पर हरदा के आगे खिरकिया स्टेशन उतरना पड़ता है। खिरकिया से मात्र 8 किलोमीटर दूर स्थित गुप्तेश्वर मंदिर जहां जाने के लिए कई साधन उपलब्ध है।

सड़क मार्ग :- सड़क मार्ग से जाने के लिए खंडवा-होशंगाबाद रोड पर स्थित छीपाबड़ (खिरकिया) से मात्र 7 किलोमीटर है। जिला मुख्यालय हरदा से इसकी दूरी करीब 36 किलोमीटर है। इंदौर से हरदा बस द्वारा जाया जा सकता है।

खिरकिया से मात्र 8 किलोमीटर दूर स्थित गुप्तेश्वर मंदिर जाने के लिए अनेक साधन टेम्पो, टैक्सी, बसें उपलब्ध हैं।

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