द्रोपदी के लिए कृष्ण ने लिया था वस्त्रावतार...

भगवान कृष्ण ने बचाई थी द्रौपदी की लाज

Webdunia
द्रोपदी महाराज द्रुपद की अयोनिजा कन्या थीं। उनका शरीर कृष्ण वर्ण के कमल के जैसा कोमल और सुंदर था, अतः इन्हें कृष्णा भी कहा जाता था। इनका रूप और लावण्य अनुपम व अद्वितीय था।

इनके जन्म के समय आकाशवाणी हुई थी 'देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए एवं उन्मत क्षत्रियों के संहार के लिए ही इस रमणी रत्न का जन्म हुआ है। इसके द्वारा कौरवों को बड़ा भय होगा।'

FILE


स्वयंवर में अर्जुन के द्वारा लक्ष्य भेद करने पर द्रोपदी पांडवों को प्राप्त हुई। कई दैवी कारणों से द्रोपदी पांचों पांडवों की पत्नी हुई। यह पांचों पांडवों को अपने शील, स्वभाव और प्रेममय व्यवहार से प्रसन्न रखती थीं।

जब कपट के द्यूत में महाराज युधिष्ठिर अपने राजपाट, धन-वैभव तथा स्वयं के साथ द्रोपदी तक को हार गए, तब दुःशासन दुर्योधन के आदेश से द्रोपदी को एक वस्त्रावस्था में खींचकर भरी सभा में ले आया। सभा में रोते-रोते द्रोपदी ने सभासदों से अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना की। दुष्ट दुःशासन उन्हें भरी सभा में नग्न करना चाहता था।

भीष्म, द्रोण ने अपनी आंखें मूंद लीं, विदुर सभा से उठकर चले गए। जब द्रोपदी चारों ओर से निराश हो गई तब उन्होंने आर्तस्वर में भगवान श्रीकृष्ण को पुकारा, 'हे कृष्ण, हे गोविंद! क्या तुम नहीं जानते कि मैं कौरवों के द्वारा अपमानित हो रही हूं। कौरवरूपी समुद्र में डूबती हुई मुझ अबला का उद्धार करो। कौरवों के बीच विपन्नावस्था को प्राप्त मुझ शरणागत की रक्षा करो।'


FILE

भक्त के लिए भगवान को वस्त्रावतार लेना पड़ा और और दस हजार हाथियों के बलवाला दुःशासन साड़ी खींचते-खींचते थक गया, किंतु साड़ी का अंत नहीं मिला और द्रोपदी की लाज बच गई।

रक्षक नंदनंदन भगवान श्यामसुंदर हों, उसका भला कोई क्या बिगाड़ सकता है ।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुद्ध जयंती कब है, गौतम सिद्धार्थ नेपाली थे या भारतीय?

अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना

लाल किताब के अनुसार किस्मत का ताला खोलने के क्या है अचूक उपाय

गोल्ड पहन रखा है तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें कि इसके क्या है नुकसान और सावधानियां

जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थित नीलचक्र और ध्वज का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

ज्योतिष के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रेम कुमार शर्मा और उनकी पुत्री मनीषा कौशिक सम्मानित

Aaj Ka Rashifal: 21 अप्रैल का दैनिक राशिफल, आपकी राशि के लिए आज का भाग्यफल

21 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

21 अप्रैल 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

कैसा गुजरेगा अप्रैल महीने का नया सप्ताह, जानें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल (21 से 27 तक)