जब शिव जी ने माता पार्वती को बताया श्रीराम जन्म का कारण

Webdunia
भगवान शिव ने माता पार्वती को श्रीराम जन्म के जो प्रमुख कारण बताए हैं वह हमें पुराणों में मिलते हैं। एक किंवदंती के अनुसार ब्राह्मणों के शाप के कारण प्रतापभानु, अरिमर्दन और धर्मरूचि यह तीनों रावण, कुंभकर्ण और विभीषण बने। रावण ने अपनी प्रजा पर बहुत अत्याचार किया। एक बार तीनों भाईयों ने घोर तप किया। ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और वर मांगने को कहा। 
रावण बोला, ' हे प्रभु, हम वान और मनुष्य इन दो जातियों को छोड़कर किसी के मारे न मरे यह वरदान दीजिए। शिव जी ने बताया कि मैंने और ब्रह्मा ने मिलकर यह वरदान दिया। फिर कुंभकर्ण को देखकर भ गवान सोच में पड़ गए कि यह विशालकाय प्राणी नित्य आहार लेगा तो पृथ्वी ही उजड़ जाएगी। तब मां सरस्वती ने उसकी बुद्धि फेरी और 6 माह की नींद का उसने वरदान मांग लिया। विभीषण ने प्रभु चरण में अनन्य और निष्काम प्रेम की अभिलाषा की। वर देकर ब्रह्मा जी चले गए। 

तुलसी दास जी के अनुसार जब रावण के अत्याचार बढ़े और धर्म की हानि होने लगी तब भगवान शंकर कहते हैं :

राम जनम के हेतु अनेका, परम विचित्र एक तें एका ....
 
 
जब जब होई धरम की हानि, बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी,
तब-तब प्रभु धरि विविध सरीरा, हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा
...

अर्थात् जब-जब धर्म का ह्रास होता है और अभिमानी राक्षस प्रवृत्ति के लोग बढ़ने लगते हैं तब तब कृपानिधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर सज्जनों की पीड़ा हरते हैं। वे असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करते हैं। अपने वेदों की मर्यादा की रक्षा करते हैं। यही श्रीराम जी के अवतार का  सबसे बड़ा कारण है।  
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

धन, ज्ञान और शांति के लिए गुरु पूर्णिमा पर करें ये 7 उपाय, दूर होंगी सारी बाधाएं

गुरु पूर्णिमा 2025: सोच समझकर लें गुरु दीक्षा, जानिए सच्चे गुरु की पहचान

हरियाली अमावस्या कब है, जानिए पितृ दोष मुक्ति के 5 अचूक उपाय

गुरु पूर्णिमा: प्राचीन भारत के 14 महान गुरु जिन्होंने दिया धर्म और देश को बहुत कुछ

गुरु का मिथुन राशि में उदय, 12 राशियों का राशिफल

सभी देखें

धर्म संसार

भविष्यवाणी: अब होने वाली है स्वर्ण युग की शुरुआत, जानिए श्रीकृष्ण ने माता गंगा से क्या कहा...

Aaj Ka Rashifal: कैसा बीतेगा आज का दिन, पढ़ें 12 राशियों के लिए 10 जुलाई का दैनिक राशिफल

10 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

10 जुलाई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

यह 5 ऐसे गुरु हैं जिन्होंने स्थापित किया है भारत की धार्मिक संस्कृति को?

अगला लेख