आपने नहीं पढ़ी होगी सहस्रबाहु और रावण के युद्ध की यह कथा

Webdunia
नर्मदा नदी के तट पर महिष्मती (महेश्वर) नरेश हजार बाहों वाले सहस्रबाहु अर्जुन और दस सिर वाले लंकापति रावण युद्धरत थे। 
 
दरअसल हुआ यह था कि जब सहस्रबाहु अपनी पत्नियों के साथ नर्मदा में अठखेलियाँ कर रहे थे तो उन्होंने अपनी एक पत्नी के कहने पर अपने हाथ फैलाकर नर्मदा के बहाव को रोक दिया था। इससे नर्मदा का जल इधर-उधर से बहने लगा। 
 
कुछ ही दूरी पर शिवजी की उपासना में लीन रावण की पूजन सामग्री इससे बह गई। कारण पता चलने पर क्रोधित रावण सहस्रबाहु को दंड देने के लिए उनके पास पहुंचा। 
 
दोनों में युद्ध शुरू हो गया और अंततः सहस्रबाहु के एक तगड़े प्रहार से रावण अचेत होकर धरती पर गिर पड़ा। उसे बंदी बना लिया गया। सहस्रबाहु अर्जुन ने त्रिलोक विजेता रावण को भी धूल चटा दी। बाद में रावण के पितामह महर्षि पुलत्स्य के आग्रह पर उसे छोड़ा गया। इसके बाद रावण ने सहस्त्रार्जुन से मित्रता की और लंका की ओर प्रस्थान किया।

ALSO READ: राज राजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Astrology: कब मिलेगा भवन और वाहन सुख, जानें 5 खास बातें और 12 उपाय

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

Jupiter Transit 2024 : वृषभ राशि में आएंगे देवगुरु बृहस्पति, जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय और शुभ मुहूर्त जानिए

Aaj Ka Rashifal: आज कैसा गुजरेगा आपका दिन, जानें 29 अप्रैल 2024 का दैनिक राशिफल

29 अप्रैल 2024 : आपका जन्मदिन

29 अप्रैल 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast 29-05 May: मई माह की शुरुआ‍‍त में किसकी किस्मत का चमकेगा सितारा, जानें 12 राशियां

अगला लेख