जब शिवजी माता पार्वती को सुना रहे थे अमरकथा, तब किसने सुन ली यह कथा, जानिए

Webdunia
जब भगवान शंकर इस अमृतज्ञान को भगवती पार्वती को सुना रहे थे तो वहां एक शुक (हरा कठफोड़वा या हरी कंठी वाला तोता) का बच्चा भी यह ज्ञान सुन रहा था। पार्वती कथा सुनने के बीच-बीच में हुंकारा भरती थी। पार्वतीजी को कथा सुनते-सुनते नींद आ गई और उनकी जगह पर वहां बैठे एक शुकदेव ने हुंकारी भरना प्रारंभ कर दिया।

 
जब भगवान शिव को यह बात ज्ञात हुई, तब वे शुक को मारने के लिए दौड़े और उसके पीछे अपना त्रिशूल छोड़ा। 


ALSO READ: अमरनाथ गुफा में प्रवेश से पहले किन्हें त्याग दिया था शिवजी ने, आप भी जानिए
 
शुक जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागता रहा। भागते-भागते वह व्यासजी के आश्रम में आया और सूक्ष्म रूप बनाकर उनकी पत्नी वटिका के मुख में घुस गया। वह उनके गर्भ में रह गया। 
 
ऐसा कहा जाता है कि ये 12 वर्ष तक गर्भ के बाहर ही नहीं निकले। जब भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं आकर इन्हें आश्वासन दिया कि बाहर निकलने पर तुम्हारे ऊपर माया का प्रभाव नहीं पड़ेगा, तभी ये गर्भ से बाहर निकले और व्यासजी के पुत्र कहलाए।
 

ALSO READ: क्यों सुनना चाहती थीं पार्वती अमरनाथ की अमरकथा, पढ़ें रोचक जानकारी...

 
गर्भ में ही इन्हें वेद, उपनिषद, दर्शन और पुराण आदि का सम्यक ज्ञान हो गया था। जन्मते ही श्रीकृष्ण और अपने माता-पिता को प्रणाम करके इन्होंने तपस्या के लिए जंगल की राह ली। यही जगत में शुकदेव मुनि के नाम से प्रसिद्ध हुए।
 
 



ALSO READ: क्या अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के साथ ही बर्फ से निर्मित होते हैं पार्वती और गणेश?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वृश्चिक संक्रांति का महत्व, कौनसा धार्मिक कर्म करना चाहिए इस दिन?

क्या सिखों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी जा सकते हैं करतारपुर साहिब गुरुद्वारा

1000 साल से भी ज़्यादा समय से बिना नींव के शान से खड़ा है तमिलनाडु में स्थित बृहदेश्वर मंदिर

क्या एलियंस ने बनाया था एलोरा का कैलाशनाथ मंदिर? जानिए क्या है कैलाश मंदिर का रहस्य

नीलम कब और क्यों नहीं करता है असर, जानें 7 सावधानियां

सभी देखें

धर्म संसार

गीता जयंती कब है? जानिए इस दिन का क्या है महत्व

16 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

16 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

दत्तात्रेय जयंती कब है? जानिए महत्व

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

अगला लेख