क्यों शिवजी को प्रिय है सावन का महीना?

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सावन या श्रावण महीना (shravan month 2023) शिव जी को अधिक प्रिय है। इस माह में की गई आराधना-उपासना का विशेष फल शिवभक्तों को प्राप्त होता है। अत: सावन के महीने को भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है। यही कारण है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। इन दिनों श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुसार भगवान शि‍व को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास, पूजन-अभि‍षेक, मंत्र जाप आदि करते हैं। 
 
आइए अब जानते हैं आखि‍र शि‍व की आराधना का यह विशेष माह उन्हें प्रिय क्यों है? 
 
इस संबंध में एक पौराणि‍क कथा प्रचलित है, जिसमें सनत कुमारों द्वारा भगवान शिव से सावन माह के प्रिय होने का कारण पूछा, तो भगवान शिव ने इसका उत्तर दिया- कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति द्वारा अपने देह का त्याग किया, उससे पहले देवी सती ने महादेव को प्रत्येक जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। 
 
अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने राजा हिमाचल और रानी मैना के घर में पार्वती के रूप में जन्म लिया और पार्वती के रूप में देवी ने अपनी युवावस्था में, सावन के महीने में अन्न, जल त्याग करके, निराहार रहते हुए कठोर व्रत किया था। 
 
मां पार्वती के इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया। तभी से भगवान महादेव को सावन का महीना अतिप्रिय है। इसके अलावा सावन मास के बारे में यह भी मान्यता है, कि भगवान शिव सावन के महीने में धरती पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्घ्य देकर, जलाभिषेक कर किया गया था। अत: माना जाता है, कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं। इसीलिए भक्तगण इस महीने में उनकी भक्ति में लीन रहते हैं, जिससे उन्हें शिव जी की अपार कृपा प्राप्त हो सके। सावन माह को शि‍व भक्ति के लिए उत्तम मान गया है।   
 
इसके अलावा एक और कथा भी प्रचलित है, जिसके अनुसार- मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकंडेय द्वारा लंबी आयु प्राप्त करने के लिए, सावन माह में ही घोर तप कर भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त की थी। इससे उन्हें ऐसी मंत्र शक्त‍ियां प्राप्त हुईं, जिसके आगे यमराज भी नतमस्तक हो गए। अत: इन्हीं कारणों की वजह से भगवान शिव जी को सावन माह अत्यं‍त प्रिय है। 

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