खेल के दौरान सिम्शा बुनेन ने जान-बूझकर गलत चाल चली। जब वह व्यक्ति उनके मोहरे मारने लगा, तो माफ कीजिए कहकर वे मोहरे वापस लेने लगे। उस आदमी ने कोई आपत्ति न की और चाल वापस लेने दी।
थोड़ी देर बाद बुनेन ने पुनः गलत चाल चली और माफी मांगते हुए अपनी चाल वापस लेनी चाही लेकिन इस बार वह व्यक्ति नाराज हो गया और बोला, 'मैंने एक बार मोहरा वापस लेने क्या दिया कि आप तो बार-बार चाल वापस लेना चाहते हैं। इस बार मैं चाल वापस नहीं लेने दूंगा।'