देश की कानून व्यवस्था और सुरक्षा

क्या वाकई में है मेरा भारत महान

गायत्री शर्मा
आज हम अपना 60 वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं अर्थात अब हमारी आजादी बूढी होती जा रही है व हम अनुभवों से परिपक्व होते जा रहे हैं। इन 60 सालों में जहाँ हमारे देश ने आतंकवाद, सुनामी, भूकंप व बाढ़ का रूप में भयानक त्रासदी को सहा है तो वही चाँद पर फतह, भारतीयों का विदेशों में नाम, प्राकृतिक आपदाओं के तत्काल बाद नवनिर्माण आदि के रूप में अपनी विजय का परचम भी लहराया है।

हमारे देश में अब भी जनता की सरकार है। हर फैसला हमारा है परंतु फिर भी मन में एक टीस है, एक असुरक्षा की भावना है, न जाने क्यों आज हम आजाद होकर भी आजद नहीं है, सब कुछ पाने के बावजूद भी कुछ पाने की कमी महसूस कर रहे हैं। आज हम अपनी इस कुंठा को कभी राजनीतिज्ञों पर भ्रष्टाचार के रूप में तो कभी देश के कानून में खामियों के रूप में अभिव्यक्त करते हैं।

' क्या आज देश का कानून देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त है, क्या अब भी आप कहेंगे कि मेरा भारत महान है?' इस विषय पर हमने अनेक प्रबुद्ध नागरिकों से चर्चा की, इस विषय पर उनके विचार प्रस्तुत है :

* निदा फाजली (गीतकार) :-
मैं तो इतना ही कहना चाहूँगा कि ओबामा की ताजपोशी के वक्त उसने जिस खुलेपन, इंसान के प्रति हमदर्दी व सादगी का परिचय दिया। उससे हम सभी को सबक लेना चाहिए। वर्तमान में हमारे देश की भ्रष्ट राजनीति, इस देश की कानून व्यवस्था को दीमक की तरह चाट रही है। आज हम जो करना चाहते हैं वो हम कर नहीं पा रहे हैं और जो हम नहीं करना चाहते है वो हम कर रहे हैं। मुंबई धमाके, जयपुर में विस्फोट आदि विनाशकारी घटनाओं को अंजाम देने वाली नजरें इंसान को इंसान की दृष्टि से देखने की आदी नहीं है। यह हमारा, पाकिस्तान का व बांग्लादेश का सबसे बड़ा ऐब है।

* प्रकाश झा (फिल्म निर्देशक) :-
हमारे देश में बेहतर कानून तो है ले‍किन उसका सही ढंग से परिपालन नहीं हो पा रहा है। कितना भी कानून बना दीजिए। यदि उसका सही ढंग से पालन नहीं होगा तो वो कानून अनुपयोगी होगा। आज हम स्वयं कानून का पालन नहीं करते हैं। कभी राजनीतिक स्वार्थ के कारण तो कभी व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण हम कानून का सख्ती से पालन नहीं करवा पा रहे हैं।

* अहसान कुरैशी (हास्य कलाकार) :-
' मेरा भारत महान है' यह कहने में आज मुझे गर्व महसूस होता है, जिस तरह अपने घर की हालत कैसी भी हो, हम उसे बुरा या बेकार नहीं कहते हैं। आज हम उसके आश्रय में बेखौफ होकर सुख-शांति से जी रहे हैं। यह क्या कम है? तालाब में जिस तरह कुछ मछलियाँ गंदी होती है, जो पूरे तालाब को गंदा कर देती है। आज हमारे देश की भी स्थिति उसी तालाब जैसी है, जिसमें रहने वाले भ्रष्ट राजनेताओं रूपी गंदी मछली को हमें जल्द ही निकालकर बाहर फेंकना होगा। ये चंद लोग ही देश के नाम को कलंकित कर रहे हैं। यदि हम औरों की बात करे तो आज भी हमारे देश के सैनिक मुश्तैदी से सीमाओं पर पहरा देकर हमारी सुरक्षा का बीड़ा उठा रहे हैं। आज हमारे पास सबकुछ है बस जरूरत है तो शासन व्यवस्था को सही ढंग से संचालित करने की।

* जसबिंदर सिंह (गायक) :-
मैं तो यहीं कामना करता हूँ कि इस देश का आम आदमी हमेशा सुकून से रहें और शांति से रहे। मैं इसका सीधा आरोप तो किसी पर नहीं लगाना चाहूँगा परंतु यह जरूर कहूँगा कि आज देश की सुरक्षा व्यवस्था हमारी सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। मुंबई में जो आतंकी हमले हुए हमने उसमें बुलेट प्रुफ जैकेट पहनने के बावजूद भी अपने देश के कई जाँबाज पुलिसकर्मियों को खोया, वो सब नहीं होता। अगर हमारे देश के पुलिसकर्मियों के पास अपनी रक्षा के पर्याप्त साधन होते।

' कितना भी कुछ सहेंगे पर देश के लिए जीएँगे और मरेंगे' यह भावना आज भी हर भारतीय में है। आज भी हम देश के कानून का सम्मान करते हैं व देशप्रेम को अपने हितों से सर्वोपरि रखते हैं। आशा है हमारा देश हमेशा खुशहाल रहें और यहाँ का कानून देश को सुचारू रूप से संचालित करने में मददगार सिद्ध हो। इसी आशा के साथ आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में