क्या ए मेरे वतन के लोगों गाने के लिए लता जी ने कर दिया था इनकार: जानिए ऐतिहासिक गीत की कहानी, कवि प्रदीप की जुबानी

WD Feature Desk
शनिवार, 4 जनवरी 2025 (15:17 IST)
Lata Mangeshkar and Kavi Pradeep

Story Behind E Mere Vatan Ke Logon: ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत को सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से भर जाता है। 27 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में लता मंगेशकर ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत गाया था। इस गीत को सुनकर पूरा मैदान भावविभोर हो गया था। यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में भी आंसू आ गए थे।

चीन से युद्ध की पीड़ा
1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। देश के सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जानें गंवा दी थी। इस युद्ध ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। देशवासी शोक में डूबे हुए थे।

कवि प्रदीप की कलम से निकला एक भावुक गीत
इस दुखद घटना से प्रेरित होकर कवि प्रदीप ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत लिखा था। उन्होंने इस गीत के माध्यम से देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और देशवासियों को एकजुट होने का संदेश दिया।

गीत के बोल सिगरेट के पैकेट पर!
यह सुनकर हैरानी होगी कि कवि प्रदीप ने इस गीत के बोल सिगरेट के पैकेट के पीछे लिखे थे। उन्होंने कहा था कि जब भी वे उदास होते थे तो सिगरेट पीते थे और इसी दौरान उनके मन में यह गीत आया।

लता मंगेशकर का इनकार और फिर गायन
जब यह गीत लिखा गया तो इसे गाने के लिए सबसे पहले लता मंगेशकर को ही चुना गया था। लेकिन लता मंगेशकर ने पहले इस गीत को गाने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि उनके पास रिहर्सल के लिए पर्याप्त समय नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने यह गीत गाया और यह गीत इतना लोकप्रिय हो गया कि आज भी हर भारतीय का पसंदीदा गीत है।

27 जनवरी 1963: एक ऐतिहासिक दिन
27 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में लता मंगेशकर ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत गाया था। इस गीत को सुनकर पूरा मैदान भावविभोर हो गया था। यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में भी आंसू आ गए थे।

ALSO READ: कब, कहाँ और कैसे मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस, जानिए पहले गणतंत्र दिवस से जुड़ी ये रोचक जानकारी
 
गीत का प्रभाव
•          देशभक्ति का संचार : इस गीत ने लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाया।
•          शहीदों को श्रद्धांजलि : इस गीत के माध्यम से देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
•          राष्ट्रीय एकता: इस गीत ने देशवासियों को एकजुट किया।

'ऐ मेरे वतन के लोगों' एक ऐसा गीत है जो हमेशा लोगों के दिलों में रहेगा। यह गीत हमें याद दिलाता है कि हमारे देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया है। हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

निशानेबाज योगी! सटीक निशाना साधकर मुख्यमंत्री ने लोगों को चौंकाया

EPFO Pension को लेकर बड़ी खबर, लाखों पेंशनधारकों को होगा फायदा

बधाई हो देवा भाऊ, शिवसेना UBT ने क्‍यों की फडणवीस की तारीफ

दिल्ली के अशोक विहार में नरेन्द्र मोदी को याद आया आपातकाल

भारतीय Smartphone Market होगा 50 अरब डॉलर पार, रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े

सभी देखें

नवीनतम

मोहन भागवत के बयान पर भड़के अयोध्या के साधु-संत

Bihar : लालू यादव के ऑफर पर आ गया नीतीश कुमार का जवाब- हमने 2 बार गलती की

MP के सिंगरौली में सेप्टिक टैंक में 4 शव मिले, हत्या का संदेह

Budget 2025 : बजट से पहले कृषि मंत्री शिवराज ने राज्यों से मांगे सुझाव, योजनाओं को लेकर की समीक्षा बैठक

अखिलेश यादव बोले- हमारा लक्ष्‍य पीडीए की सरकार बनाना और भाजपा को सत्‍ता से बाहर करना

अगला लेख