उद्योग जगत 2010 : कानूनी जंग का वर्ष

Webdunia
बुधवार, 29 दिसंबर 2010 (20:12 IST)
अंबानी बंधुओं और टाटा जैसे दिग्गज उद्योगपतियों की कानूनी लड़ाई वर्ष 2010 सुखिर्यों में रही। इसी दौरान नीरा राडिया टेलीफोन टैप कांड से सरकारी फैसलों में कार्पोरेट जगत की बढ़ती दखलंदाजी के कुछ नए पहलुओं पर से रहस्य का पर्दा हटा।

वर्ष के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में न केवल ए राजा को दूरसंचार मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा बल्कि देश की शीर्ष अदालत ने स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितता पर कार्रवाई की माँग पर सुनवाई करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी समय पर कार्रवाई न करने को लेकर जवाब तलब किया।

इस मामले में कई कंपनियाँ संदिग्ध गतिविधियों के कारण जाँच के दायरे में आई।

दूरसंचार घोटाला मामले की सुनवाई के दौरान कंपनियों के लिए लाबिंग का काम करने वाली नीरा राडिया और अन्य के बीच फोन पर हुई बातचीत के रिकॉर्ड सार्वजनिक हुए। इसके कारण टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा की बातचीत से संबंधित टैप के प्रकाशन पर रोक लगाने और लीक की जिम्मेदारी तय के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटकाया है।

टाटा का दावा है कि उनकी निजता के अधिकार का हनन हुआ है।

सरकार ने इस कदम को सही ठहराया और कहा कि आयकर महानिदेशालय (जाँच) का राडिया को निगरानी में रखने के आदेश के मद्देनजर उसकी बातचीत को टैप किया गया। निदेशालय को शिकायत मिली थी कि राडिया विदेशी खुफिया एजेंसियों की एजेंट है और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय को राडिया के खिलाफ 16 नवंबर 2007 को शिकायत मिली थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि नौ साल की अवधि में उसने 300 करोड़ रुपए का व्यापार खड़ा कर लिया है। इस घटनाओं से राजनेताओं, नौकरशाहों, उद्योगपतियों और लाबिंग करने वालों के बीच साँठगाँठ का पर्दाफाश हुआ। मामले को देखते हुए न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम जाँच पर नजर रखने का फैसला किया और सीबीआई से 2001 से 2007 के बीच राजग और संप्रग दोनों सरकार के दौरान दिए गए लाइसेंस मामले की जांच करने को कहा है।

न्यायालय ने कहा कि पहली निगाह में विभिन्न फर्मों को 2जी स्पेक्ट्रम और लाइसेंस आवंटन में गंभीर अनियमितताएँ दिखती है और अधिकांश लाइसेंस अपात्र फर्मों को दिए गए। उल्लेखनीय है कि राजा ने विवादास्पद तरीके से विभिन्न फर्मों को 122 लाइसेंस आवंटित किए।

लत की जाँच के घरे में रहा वहीं ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को भी बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा जिसमें कंपनी को कर के रूप में 11000 करोड़ रुपए आयकर विभाग को देने का निर्देश दिया गया था।

न्यायालय में जिन दूरसंचार कंपनियों के नाम आए उनमें रिलायंस कम्यूनिकशन की फ्रंट कंपनी बताई जा रही स्वान टेलीकॉम, एस्सार समूह के कथित नियंत्रण वाली लूप टेलीकाम, रीयल एस्टेट कंपनी यूनीटेक जैसे नाम प्रमुख है।

पुरानी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन भी इस समय न्यायालय में है। आयकर विभाग ने 2007 में हचिसन-एस्सार के हिस्सेदारी के 11 अरब डालर में हिस्सेदारी खरीदते समय कर का भुगतान नहीं करने के आरोप में वोडाफोन को नोटिस दिया। वोडाफोन की दलील है कि हचिसन के साथ उसका सौदा भारतीय कर अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

इस मामले में उच्च न्यायालय का निर्णय आय कर विभाग के पक्ष में रहा। कंपनी उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गई है। शीर्ष अदालत ने वोडाफोन को झटका देते हुए कंपनी को सबसे पहले 2500 करोड़ रुपए जमा करने का निर्दश दिया। साथ ही 8500 करोड़ रुपए का बैंक गारंटी भी देने को कहा। फिलहाल यह मामला न्यायालय में चल रहा है। (भाषा)

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि में कम करना चाहते हैं वजन, तो भूलकर भी ना खाएं ये 6 चीजें

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

डायबिटीज-कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं नवरात्रि व्रत में खाए जाने वाले ये 7 सुपर फूड, सेहत को मिलते हैं अनगिनत फायदे

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

चैत्र नवरात्रि में कौन सा रंग पहनें? जानें 9 दिन के 9 रंगों का शुभ महत्व

क्यों नहीं खाने चाहिए तुलसी के पत्ते चबाकर, जानिए क्या कहता है विज्ञान

रमजान के आखिरी जुमा मुबारक के साथ अपनों को दें ये खास संदेश

रोजाना एक कटोरी दही खाने के सेहत को मिलते हैं ये फायदे