अब कभी मत लौटना साथी

Webdunia
- फाल्गुनी

देर रात जब
सितारों की झिलमिलाती बूँदें
फिसलती है आसमानी आँगन में
और मैं लौट आती हूँ
अपने ही मन-मासूम के पास,
तब मुस्कुराता-खिलता
तुम्हारा
गुलाबी चेहरा
खूब आता है याद।

जब मैं रोती हूँ अपने ही मन के
उदास खाली कोने में बैठ अकेली,
तब तुम्हारी आँखों के
कोमल उजाले में
दमक उठती है मेरी रात अँधेरी।

अब कभी मत लौटना साथी, मेरे दुश्मन,
तुमसे बेहतर है
तुम्हारी यादों का सर्द मौसम।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

लबों पर उसके कभी बद-दु'आ नहीं होती, मदर्स डे पर भावुक कर देंगे मां की ममता का बखान करते ये शेर

रिलेशनशिप में फील हो रहा है अकेलापन? जानिए ये 5 बड़े संकेत जो बताते हैं कि आपका रिश्ता भी है साइलेंट डाइवोर्स का शिकार

पनीर बना दुनिया का सबसे घटिया फूड, 80% सैंपल फेल, जानिए कैसे बचें मिलावट के धोखे से

शिवलिंग मुद्रा क्या है? क्या सच में बॉडी के लिए है फायदेमंद? जानिए इस पॉवरफुल योग मुद्रा के बारे में

कितने सच हैं यूरीन थेरेपी से इलाज के दावे, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

सभी देखें

नवीनतम

वास्तु ज्ञान: गृह निर्माण में 'ब्रह्म स्थान' का महत्व, जानें कहां होता है और करें यह सरल उपाय

क्या गर्मियों में आइसक्रीम खाना बढ़ा सकता है अस्थमा का खतरा?

फैटी लिवर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को छूमंतर करने के लिए असरदार है प्लांट बेस्ड डाइट, जानिए फायदे

घर की लाड़ली को दीजिए माता सीता और उनके गुणों से प्रेरित सुंदर नाम, जानिए अर्थ

जानिए रविंद्रनाथ ठाकुर के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य जो उनके महान व्यक्तित्व के परिचायक हैं