उसकी यादों के पंखों के लिए

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- दीपाली पाटिल

उदासी भरी कोई कविता
मन के पन्नों पर बहती नहीं अब
उसकी एक मुस्कान ने जीवन बदल दिया है
उसकी यादों के पंखों के लिए
अब बहुत छोटा है आसमान
इसलिए हर साँस में वो
धड़कन बनकर रहने लगा है
उसका कोई नाम नहीं
ऐसा तो नहीं है
पर एक बार बता दूँ तो
जुबां से फिर कुछ कहा न जाएगा
उसकी आँखों में देख ली है वो चमक
की रोशनी क्या है
ये अब मुझसे बताया न जाएगा।
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