तेरे ग़म में इस कदर डूबे

Webdunia
- विलास पंडित 'मुसाफ़िर'

हम तेरे ग़म में इस कदर डूबे
जैसे ग़ज़लों में सुखनवर डूबे

दिल की गहर ा इयों को नाप लिया
मेरे सीने में समंदर डूबे

ख़ुदकुशी भी ख़ुशी में कर डाली
खुद को खुद ही से बचाकर डूबे

इश्क में तेरे मैं तो डूबा था
साथ लेकिन ये बाम-ओ-दर डूबे

एक तूफाँ था थम गया आखिर
ज़द में उसकी थे,वो तो घर डूबे

वस्ल की शब् का मिल गया तोहफा
साँस-दर-साँस बराबर डूबे

ज़िन्दगी हमने मुकम्मल करली
तेरे पहलू में घड़ी भर डूबे

तुमने मुझको कहा था जब अपना
जाने कितनों के मुकद्दर डूबे

वापसी उसकी किस तरह मुमकिन
ठहरे पानी में जो पत्थर डूबे

आज के दौर से यही है गिला
किसलिए सारे दीदावर डूबे

इक 'मुसाफ़िर' ये सोचता ही रहा
क्यूँ भला साथ खैरो-शर डूबे।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

घर के चिराग के लिए 'प्र' से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ, हर नाम है एक से बढ़ कर एक

सिर दर्द को मिनटों में दूर करेंगे ये 5 योगासन, जानिए इन्हें करने का आसान तरीका

आम का रस और कैरी पना, दोनों साथ में पीने से क्या होता है?

इस मदर्स डे अपने हाथों से बनाएं मां के लिए कुछ बेहद खास, जानिए बेस्ट DIY गिफ्ट्स जो आपकी मां के चेहरे पर ला दें मुस्कान

सभी देखें

नवीनतम

रिश्तों पर हिन्दी में कविता : कहने को अपने

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

ये वतन है हमारा और हम इसके पहरेदार हैं...युद्ध की जीत के नाम पढें ये 20 जोशीले शेर

मदर्स डे पर मां के लिए लिखें ये 10 प्यार भरी लाइनें और जीतें दिल

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश