बैठ पीपल छाँव...

Webdunia
श्रीकांत प्रसाद सिंह

बैठ पीपल छाँव में, मन!
साँवरी! तुमको पुकारे!
बाँस-वन के झुरमुटों में
बाग-बागिन खेलते फिर,
चीखता है - एक तोता!

सुधि-घटा आई उमड़ घिर!
नील नभ में दूर उड़-उड़
चील डैनों को पसारे!
खेत गेहूँ के कटे सब,
मौन सूनापन लहकता!

यह हवा फुफकारती है -
मन अकेला तड़प उठता!
पास आकर एक मैना-
एक टक मुझको निहारे!

फुदकती चंचल गिलहरी-
पास आ-आ भाग जाती,
झाड़ियों में सो रही है -
टिटहरी जो रात गाती।
मन-पपीहा चिर विकल हो -
सोचता, कोई दुलारे?
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

पांच जून को 53 साल के होंगे सीएम योगी, इस बार बेहद खास होगा उनका जन्मदिन

मिस वर्ल्ड 2025 ने 16 की उम्र में कैंसर से जीती थी जंग, जानिए सोनू सूद के किस सवाल के जवाब ने जिताया ओपल को ताज