सिर्फ एक बार करना याद

Webdunia
मंगलवार, 16 नवंबर 2010 (15:48 IST)
दीपाली पाटिल

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ज ब ह र शब्द केवल वेदन ा दे
ह र गी त उदास लगे
तब सिर्फ एक बार पुकारना मेरा नाम
जब तपती दोपह र चुभन े लगे
मुस्कान फीकी पड़ने लगे
तब सिर्फ एक बार करना याद
जब चाँद निकले ही ना बादलों से
और रात बहुत गहरी लगे
तब सिर्फ एक बार थामना मेरा हाथ
मैं हर मोड़ पर मिलूँगी तुमसे
मील का पत्थर बनकर
मैं साथ चलूँगी कड़ी धूप में
वटवृक्ष की छाया बनकर
जब मिल जाए मंजिल तुमको
और तुम ना देखना चाहो मुड़कर
मै ं परछाई-स ी विलीन ह ो जाऊँगी...
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