प्रेम काव्य : फिर से दिल तो टूटेगा...

शम्भू नाथ
शीशा टूटे या न टूटे,
फिर से दिल तो टूटेगा।
 

 
महंगाई की मार पड़ेगी,
प्रिय से प्रेमी रूठेगा।
 
महंगे-महंगे कपड़े मांगे,
प्रेमनगर भी जाना है।
 
प्रिय प्रवाह होटल में बैठकर,
प्रेम प्रसाद भी खाना है।
 
खाता देख के प्रेमीजी के,
आंख से आंसू छूटेगा।
 
प्रेमवती गाड़ी लेना है,
प्रेम भवन बनवाना है।
 
प्रेमातुर पिक्चर देखेंगे,
प्रेमबाग भी जाना है।
 
5 लाख का बजट देखकर,
प्रेमी खजाना लूटेंगे।
 
प्रेम रतन जो पुष्प लगाना,
प्रिया की सेज सजाना है।
 
सोलह सिंगार को पूरा करना,
खुशियां का मौसम लाना है।
 
सोच-सोच के प्रेमी राजा के,
मुंह से गुब्बारे फूटेंगे।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वर्ल्ड म्यूजिक डे 2025 : संगीत का साथ मेंटल हेल्थ के लिए इन 7 तरीकों से है फायदेमंद

21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: 30 की उम्र तक हर महिला को शुरू कर देना चाहिए ये 5 योग अभ्यास

21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस, जानें इसकी 3 खास बातें

क्यों पुंगनूर गाय पालना पसंद कर रहे हैं लोग? जानिए वैदिक काल की इस अद्भुत गाय की विशेषताएं

सभी देखें

नवीनतम

वर्ल्ड म्यूजिक डे 2025 : कौन सा था वो गाना जिसे सुनकर सुसाइड कर लेते थे लोग?

21 जून को रात सबसे छोटी क्यों होती है? जानें कारण और रोचक जानकारी

किडनी कैंसर जागरूकता दिवस: समय पर जांच और इलाज तो किडनी कैंसर से पीड़ितों की बच सकती है जान

कमजोर आंखों के लिए आज से शुरू कर दें इन योगासनों का अभ्यास

योग: तन, मन और आत्मा के मिलन का विज्ञान