रोमांटिक प्रेम गी‍त : मधुर मिलन कैसे होगा?

राकेशधर द्विवेदी
मैं गीतों का राजकुमार
तुम गजलों की शहजादी


 
यह तो बताओ हम दोनों का
मधुर मिलन कैसे होगा
अब संगम कैसे होगा।
 
मैं भौंरे का अल्हड़पन
तुम बेला की खुशबू प्यारी
यह तो बताओ हम दोनों का
मधुर मिलन कैसे होगा
अब संगम कैसे होगा।
 
मैं परिंदे का पागलपन
तुम दीया की बाती प्यारी
यह तो बताओ हम दोनों का
मधुर मिलन कैसे होगा
अब संगम कैसे होगा।
 
मैं वर्षा की बूंद अनाथ
तुम सागर की सीपी प्यारी
मोती मैं बन जाऊं आकर
यह संभव कैसे होगा
मधुर मिलन कैसे होगा
अब संगम कैसे होगा।
 
मैं सूरज की पहली किरण
तुम धरती की खुशबू न्यारी
यह तो बताओ हम दोनों का
मधुर मिलन कैसे होगा
अब संगम कैसे होगा।

 
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